बड़ा अजीब है दास्तान-ए- प्यार का,
बिन लब्ज़ मोहब्बत-ए- इज़हार का,
बेशब्री से इंतेज़ार है हमे उस पल का
उस प्यारी परी, मौसम-ए- सदाबहार का,
इन होठों पर सजी रहे मुस्कान-ए-प्यार का,
इन दिलो मे बनी रहे तड़प-ए-बेक़रार का,
हर ख्वाइशें हमारी हो जाएंगी पूरी जब
आएंगी वो खूबसूरत पल-ए-इंतेज़ार का,
कोई सपना अधूरा ना रहे मेरे सच्चे यार का,
खुशियां हमेशा पहरा करे उनके घर द्वार का,
उस ख़ुदा से बस एक दुआ है हमारी
मुस्कान उनके होठों पर दस्तक दे सारे संसार का।
मनीष श्रीवास्तव.......✍