जुमला बिकता है बोलो खरीदोगे ?

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Sat 26th May 2018      Write your Article
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जुमला बिकता है बोलो खरीदोगे ?
जुमला बिकता है बोलो खरीदोगे ? शायद यही शीर्षक इस लेख के लिए उपयुक्त भी प्रतीत होता है ।

अब क्योंकि केंद्र की बीजेपी सरकार ने 2014 में देश की जनता को वादों की शक्ल में जुमले ही परोसे थे और भोली जनता ने मोदी जी के वादे रूपी जुमले अपने भरपूर वोटों से खरीदे भी थे ।

अब वो वादे होते तो शायद उनको पूरा करने की दिशा में कुछ कार्य भी किया जाता लेकिन वो तो सिर्फ जुमले ही थे जो चुनावों में अक्सर बोल दिए जाते हैं ।

अब वो बात अलग है कि 2019 में बीजेपी के जुमलों को वो भाव ही न मिले और वो खरीददार ही न मिलें जो 2014 में उनके जुमलों को खरीददार मिले थे ।



दुनिया के असम्भव कार्य निम्न हैं-

हाथी को कपड़े पहनाना
चींटी को लिपिस्टिक लगाना
और भक्तों को समझाना

कुछ संक्षेप में प्रश्न निम्न हैं-

प्रश्न -मंहगाई ज्यादा है
भक्त-कांग्रेस के समय में नहीं थी क्या
प्रश्न -घोटाला हो रहा है
भक्त-कांग्रेस के समय में घोटाला नहीं हुआ था क्या
प्रश्न-किसान आत्महत्या कर रहे हैं
भक्त-कॉंग्रेस के समय में किसान आत्महत्या नहीं करते थे क्या ।
प्रश्न-नोकरी नहीं मिल रही है
भक्त- कांग्रेस के समय में नोकरी मिली थी क्या ।

इस प्रकार के प्रश्न बहुतायत में हैं ।
इन भक्तों को भगवान सद्द्बुद्धि दे चलो भक्तों की बात बड़ी करते हैं कि ये सब बुरे कार्य कांग्रेस के समय में होते थे और कांग्रेस ने पाप किये लेकिन उस पाप की सजा कांग्रेस को मिल गई फिर बीजेपी को क्या दिक्कत है ।
और फिर बीजेपी तो सत्यवादी हरिश्चंद की तरह आदर्शवादी साधुवाद की परिचायक है
फिर क्यों ये घोटाले निकलकर सामने आ रहे हैं ?
क्यों भगोड़े बैंक का रुपया लेकर भाग रहे हैं ?
क्यों सत्यवादियों के वादे जुमले साबित हो रहे हैं ?
क्यों किसान बेहाल हो रहे हैं ?
क्यों चौकीदार हर मोर्चे पर असफल साबित हो रहे हैं ?
खैर ये तो हो गई सत्यवादियों की सत्यता ।
अब बीजेपी अध्यक्ष ने जिस प्रकार से समूचे विपक्ष को सांप नेवला कुत्ता बिल्ली की उपमा से अलंकृत किया है उसे कहीं से भी संसदीय भाषा तो खैर कतई नहीं कहा जा सकता वो बात अलग है बीजेपी के यहां इस प्रकार की भाषा शैली के संस्कार घोंट घोंट कर पिलाये जाते हों ।
साथ ही साथ ऐसी भाषा कहीं से भी साधुवाद की भाषा भी नहीं कही जा सकती ।
फिर क्या बीजेपी के लिए ये कहावत चरितार्थ होती है कि मुंह में राम बगल में छुरी ।
अब जिन राम को बीजेपी अपनी आस्था का केंद्र बताते नहीं थकती ।
अब क्या राम जी (अपने भक्त) अमित शाह जी की ऐसी भाषा शैली को बर्दाश्त करेंगे ।
इसके अलावा अमित शाह जी ये बताएं कि यदि बीजेपी गठबंधन करे तो वो साधुवाद की श्रेणी में और देशभक्ति की श्रेणी में आ जाता है ।
अन्य पार्टियां गठबंधन करे तो वो उनकी नजर में पाप और देशद्रोह सांप नेवला कुत्ता बिल्ली की श्रेणी में आ जाता है आखिर क्यों ?
अमित शाह जी बताएं कि जम्मू कश्मीर में पी डी पी (महबूबा) से बीजेपी का गठबंधन किस विचारधारा या साधुवाद के अंतर्गत आता है ?
कर्नाटक के येदुरप्पा जो बीजेपी के मुख्यमंत्री का चेहरा हैं उनका बीजेपी का साथ किस सत्यवादी विचारधारा के अतर्गत हुआ है ?
सपा छोड़कर बीजेपी में आये नरेश अग्रवाल का बीजेपी में प्रवेश उनकी कौन सी साधुवाद विचारधारा से प्रेरित होकर किया है ?
इसलिए दूसरे के पाप को गिनाने से पहले बीजेपी को खुद अपने गिरेबां में झांक लेना चाहिए और जनता से किये वादों को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि देश की जनता ने बीजेपी को वोट जुमले सुनने के लिए या कांग्रेस पर या विपक्ष पर आरोप लगाने के लिए नहीं दिया था
देश की जनता ने बीजेपी को वोट कांग्रेस के विकल्प के रूप में कांग्रेस से त्रस्त होकर दिया था ।
अब कहीं ऐसा न हो देश की जनता बीजेपी की जुमलेबाजी से त्रस्त होकर बीजेपी के विकल्प के रूप में 2019 में कांग्रेस को वोट कर दे तो कोई आश्चर्य न होगा ।
पं संजय शर्मा की कलम से

यादों का कारवां

Author  Photo Sunil P Kute   (Fri 24th May 2019) यादों का कारवां
गुजर जाता है समय यादों का कारवां साथ मे लेकर,
मुश्किल हो जाता जीना बिन तेरे जब होता है
यह एहसास की कितने बदल गए हो तुम,
अजीब सी आहट आज भी सताती है
जब तुम्हारा इस तरह का देखकर बर्ताव।
क्या गुनाह था मेरा की छोड़कर मुझे अकेला ऐसा सनम तुम हो गए बेवफा।
मजबूर ना मैं था ना तुमने होने दिया ,
बा.... Read More

Maa

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Wed 18th Oct 2017) Maa
Ankhiyan vich hanju digde ne
Milan nu dil tarsan de
Aa jao maa
Rona haiga gale naal laa
Twadi hr khwaiysh poori karan nu dil chahnda
Ek waari aajaa.....maa aakhna
Tussi inni dur chale gye
Jitho kde vapis ni aaye
Hr pal twanu yaad kra
Mara te twade naal mara .... Read More

BIKHAR SE GYE YE PAL MERE KHUSHI KE

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 4th Oct 2017) BIKHAR SE GYE YE PAL MERE KHUSHI KE
Bikhar se gye ye Pal mere khushi ke
Unke chale Jane ke baad,
Nikal gye en aankho se aansoo
Unki yaad aane ke baad,
Aaj nazane kyon khamosh Hai ye dil mera
Unka sath chhut Jane ke baad,
Pal Pal kuchh tutne ki aawaj sunai de rhi mujhe
Sab kuchh tut Jane ke baad,
Hansu to Kaise Hansu jab me.... Read More

सहारा ले न ऐ दिल तू,

Author  Photo Sonu Mishra   (Tue 2nd Feb 2016) सहारा ले न ऐ दिल तू,
सहारा ले न ऐ दिल तू, सहारे टूट जाते हैं
भरोसा कर न किस्मत पर सितारे टूट जाते हैं,

साहिल पै पहुँचकर न समझना, बच निकले
जरा लहरों को मौज आए, किनारे डूब जाते हैं


"सोनू मिश्रा"
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गर्व से कहो हमारी जाति सिर्फ भारतीय है

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 26th May 2018) गर्व से कहो हमारी जाति सिर्फ भारतीय है
भारतीय राजनीति में जिस प्रकार से जाति का तड़का लगाकर समाज को बांट कर नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते आ रहे हैं उसे देशहित में कतई उचित नहीं कहा जा सकता है ।
क्या हमें अपनी पहचान बताने के लिए जातिगत वैसाखियों की आवश्यकता है ?
क्या हमारी जाति सिर्फ और सिर्फ भारतीय नहीं होनी चाहिए ?
जातिगत आधार प.... Read More

TUJHE APNA BANAYA HAI MAINE

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 7th Oct 2017) TUJHE APNA BANAYA HAI MAINE
Tere pyaar me roya hai maine,
Teri yaadon ko sajoya hai maine,
Teri khushi ke liye maine sanam,
Teri rahon me phool bichhoya hai
maine,

Tujhe apni zindagi banaya hai maine,
Apni sanson me tujhe basaya hai maine,
Tere ishq me bechain dil ko
badi muskil se samjhaya hai maine,.... Read More

माँ तेरी बनाई वो प्यारी मूरत कही खो गई है, कहीं खो गई है,

Author  Photo Shrivastva MK   (Sun 1st Oct 2017) माँ तेरी बनाई वो प्यारी मूरत कही खो गई है, कहीं खो गई है,
माँ तूने जिस दुनिया को बनाया वो आज बदल गई है,
इंसान के अंदर की अच्छाई अब ओझल हो गई है,
फरेब,धोखा जिसकी पहचान है, माँ
माँ तेरी बनाई वो प्यारी मूरत कही खो गई है,
कहीं खो गई है,

माँ जिस इंसान को तूने इतने प्यार से सजाया था,
नव महीने उसे कोख में रखकर उसे बुरे पल से बचाया था,
माँ आज उस इंसान का .... Read More

गुंडे बने कोतवाल

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Tue 1st Sep 2015) गुंडे बने कोतवाल
जहाँ गुंडे बनकर कोतवाल
अपना शासन चला रहे थे
लूट डकैती हत्या कर
लोगों को दहला रहे थे
कैसे हम खुद को समझाएं
वो हमको बहला रहे थे
हमारे ही तो सामने वो
दिल पर नश्तर चला रहे थे
सपनों को अपनो के आगे
देखो धूल में मिला रहे थे.... Read More

कोई खुशी तो कोई गम के सहारे जीता है

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 26th May 2018) कोई खुशी तो कोई गम के सहारे जीता है
कोई खुशी तो कोई गम के सहारे जीते है,
कोई इन अश्क़ों को जाम की तरह पीते है,
हमें तो आदत थी मुस्कुराने की पर
कुछ लोग ज़ख्म देकर इसे भी छीन लेते है।

दिल ये मेरा अब गुमनाम सा हो गया है,
ज़ख्मो की गलियों में बेनाम सा हो गया है,
कल तक जो धड़कता था किसी के लिए
आज ख़ुद से भी अनजान सा हो गया है।
.... Read More