खोये अहसास आज फिर दरवाजे पे दस्तक दे रहे हैं
आखों में अश्क लिए हमको आज भी अपना खास बता रहे है
वक्त से मजबूर थे हम कहकर
आज फिर हमसे झूठ बोलने की खता कर रहे है
एक अरसे बाद लौटे है हमारे जिंदगी में
आज फिर हमें अपना बनाने की कोशिश कर रहे हैं |
वो हमसे इश्क की फरियाद कर रहे हैं
आज फिर उन यादों का हवाला दे रहे है
दर्द क्या होती है........
अपने लब्ज़ो से बयां कर रहे है
एक अरसे बाद लौटे है हमारे जिंदगी में
आज फिर हमें अपना बनाने की कोशिश कर रहे हैं |
ख़ामोशी में ही हम अपने दर्द को दबा रहे है
उस मोहब्बत की खलिश को आज भी हम दिल छुपा रहे है
वो दे रहे है उन यादों का दिलासा
जिनको हम कफ़न में बांधने की तैयारी कर रहे हैं |
एक अरसे बाद लौटे है हमारे जिंदगी में
आज फिर हमें अपना बनाने की कोशिश कर रहे हैं |