चला जाऊंगा एक दिन मैं इस दुनिया से
तुम्हे अकेला छोड़कर,
फिर ना मेरी याद आएगी तुझे
ना मैं आऊंगा वापस लौटकर,
पता है मुझे उस दिन ये पल थोड़ा उदास रहेंगे
मेरी कसम तुझे, ना याद करना मुझे रो- रो कर,
चंद शब्द कई बार रिस्ते बना देते है
तो कई बार चले जाते है तोड़कर,
नजाने क्यूँ ऐसा होता इस जहां में
सच्चा प्यार भी होता तो सिर्फ डर-डर कर,
इस इंसान की बात क्या करे साहेब
ये मुस्कुराता है किसी इंसान का ही दिल तोड़कर,
इस दुनिया मे गमो की कमी नही है मेरे दोस्त
मुस्कुराते है लोग यहाँ गम भूल कर,
याद रखना जिसने भी दिया है धोखा मोहब्बत में
वो भी रोया है एक दिन आंखे भर कर,
तुझे पाने की तम्मना नही है हमारी
जी लेंगे हम भी तेरी मुस्कान देख कर,
तेरी मुस्कान देख कर........