वर्तमान राजनीति में टूटती भाषा की मर्यादा

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Tue 5th Sep 2017      Write your Article
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वर्तमान राजनीती में टूटती भाषा की मर्यादाएं, चुनाव जीतने के लिए नेता कुछ भी कहेगा
वर्तमान राजनीति में टूटती भाषा की मर्यादाएं, चुनाव जीतने के लिए नेता कुछ भी कहेगा
चुनाव जीतने के लिए नेता कुछ भी कहेगा---
चुनावी बिसात बिछते ही या फिर वर्तमान राजनीती में जिस प्रकार से भाषा की मर्यादाएं टूट रही हैं और हमारे राजनेताओं का आचरण कहीं से भी हमारे सभ्य समाज या हमारी युवा पीढ़ी के लिए आदर्श सिथति नहीं कहा जा सकता ।
क्या नेताओं की जुबान अनजाने में फिसलती है-----
क्या नेताओं की जुबान अनजाने में फिसलती है या फिर जान बूझ कर जुबान फिसलाई जाती है ।
मेरा मानना है नेताओं की जुबान फिसलना जिसे हम लोग विवादित बयान भी कहते हैं । वो जुबान जान बूझ कर चर्चा में रहने और लोगों का ध्यान आकर्षित कर खुद की टी आर पी बढ़ाने का खेल होता है कोई भी विवादित बयान ।
यहां ये भी देखना होता है कि वो जुबान किस नेता की फिसली है और किस नेता के लिए फिसली है ।
इस फिसली जुबान का परिणाम चौतरफा बयानबाजी विरोध प्रदर्शन आदि आदि । नेताजी देश भर में मशहूर हो जाते हैं अपनी उसी फिसलाई हुई जुबान के कारण ।
इस विवादित बयान के नेता को चर्चा में लाने और उनकी टी आर पी बढ़ाने में हमारी मिडिया के योगदान को तो बिलकुल भी नहीं नकारा जा सकता ।
नेताओं की किसी भी साधारण सी बात या बयान को ब्रेकिंग न्यूज बना कर पेश कर रातों रात उस अनजाने से नेता को भी देश की जनता जान जाती है ।
विवादित बयान या भाषा की मर्यादाएं तब और अधिक टूटना शुरू हो जाती हैं जब चुनाव होता है । राजनेता अपनी विवादित शैली के शब्दों और भाषणों के जरिये जनता को लुभाने में ऐड़ी चोटी तक का जोर लगा देते हैं बाकी का उनका काम मिडिया उस खबर को ब्रेंकिंग न्यूज बना कर पूरी कर देता है ।
यहां ऐसा भी नहीं है कि जुबान अनजाने नेता या कम मशहूर नेताओं की ही फिसलती है ।
चुनावों में जिम्मेदार पद पर आसीन राजनेता भी व्यक्तिगत हमले और विवादित बयानों के भाषण देकर ऐसे ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं जो किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार करने योग्य नहीं हैं ।

एक लंबे समय से देखा जाता रहा है नेताओं और पार्टियों के नारे भी कम विवादित नहीं रहे हैं अब वो चाहें तिलक तराजू हो या फिर मंदिर वहीं बनाएंगे या फिर हवा हवाई अच्छे दिन के नारे या जुमले हों ।

पूर्व के हमारे नेताओं या आजादी के मतवाले हमारे क्रांतिकारियों के नारे युवाओं में एक जोश और उनके बाजुओं को फड़काने का काम करते थे जैसे "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा" "अंग्रेजों भारत छोड़ो" "सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है" "जय जवान जय किसान" आदि जो देश की जनता को एक प्रेरणा देने का कार्य करते थे और समाज और देश को जोड़ने का काम करते थे

आज के समय के नारे "तिलक तराजू और तलवार" "मंदिर वहीं बनाएंगे " "कथित अच्छे दिन" वगैरह अन्य जुमले "मां बेटे की सरकार" " बाप बेटे की सरकार" "लात मार कर निकाल देना" "किसी भी चौराहे पर सजा दे देना" "फाँसी पर चढ़ा देना" आदि आदि ।
और हाल में ही अब बात शमशाम से लेकर कब्रिस्तान पर आ गई है अरे भाई हिंदुस्तान की भी बात कर लिया करो , नेताओं कुछ ईमान की बात भी कर लिया करो ये भी न कर सको तो इंसानियत और इंसान की ही बात कर लिया करो हिन्दू और मुसलमान, कब्रिस्तान और शमशान की बात कहकर हिन्दुस्तान को बाँटने की कोशश न करो ।

इन नारों और जुमलों को सुनकर आम सभ्य लोगों का अपना सिर धुनने का मन करने लगता है और ये नारे और जुमले किसी छोटे या आम नेताओं के नहीं बल्कि देश के जिम्मेदार और महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों पर आसीन या आसीन रहे राज नेताओं के हैं और इस प्रकार के नारों ने समाज और देश को बाँटने का ही कार्य किया है ।
और नेताजी के लिए वो कहावत चरितार्थ हो जाती है "बदनाम हुए तो क्या, नाम तो हो गया"
या फिर
"चुनाव तो सफल हो गया "

पं संजय शर्मा की कलम से

बापू तुमने राह दिखाई

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 26th May 2018) बापू तुमने राह दिखाई
बापू तुमने राह दिखाई
देश मे ऐसी अलख जगाई
सत्य अहिंसा से लड़ी लड़ाई
अंग्रेजों से मुक्ति दिलाई
भाग गए अंग्रेज कसाई
देश को तुमने आजादी दिलाई
अब लड़ते यहां भाई भाई
चाहें हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
नेता कर रहे काली कमाई
खा रहे वो दूध मलाई.... Read More

MERI ZINDAGI AAJ UDAS HAI

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 4th Oct 2017) MERI ZINDAGI AAJ UDAS HAI
Meri zindagi aaj udas hai,
Ye Khushi ke pal bhi mujhse nirash hai,
Tut jate hain wo har sapne,
Jab tutata kisi ka vishwas hai,
Jab tutata kisi ka vishwas hai....

wo khile Phul aaj murjha gye hain tujhe yaad kar,
Kyon ojhal ho gye ho tum in aankhon me aansoo bhar,
Sisak-sisak ke puchh raha h.... Read More

गुनाहों का बाजार

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Fri 6th May 2016) गुनाहों का बाजार
गुनाहों का पता पूछा
गुनाहों के बाजारों में
नहीं ऐसा मिला कोई
बता दे जो इशारों में
हकीकत छुप गई उनकी
भरे पूरे उजारों में
कि मातम छा गया अब तो
गलियों में चौबारों में
नाव घिर गई अपनी
भँवर से घिरे किनारों में.... Read More

zamane ki wafa

Author  Photo Khushnuma Khan   (Sat 10th Jan 2015) zamane ki wafa
kya khoob zamane ki wafa dekhte rahe
hum har baat me apni khata dekhte rahe
yu to zamane ne badle bahut rang
par hum to uski zafa dekhte rahe
mushkilo me thi zindagi hamari
par hum to halaato ka maza dekhte rahe
apne kehne ko to bahut mile
par hum to uska ehsaas dekhte rahe
yu to chahat.... Read More

हम भारतीय हैं।

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 26th May 2018) हम भारतीय हैं।
हम ना तो नेता को पसंद करते है,
हम ना राजनेता को पसंद करते है,
जिस देश मे जन्म लिया है हमने
हम उस मिट्टी को पसंद करते है।

हम ना कोई अभिनेता के पुत्र है,
हम ना कोई राजनेता के पुत्र है,
ख़ुद भूखे रहकर भी मुझे खिलाया
हम उस अनमोल मा-बाप के पुत्र है
.... Read More

HUME YU NA TADPAYA KARO...

Author  Photo Shrivastva MK   (Mon 2nd Oct 2017) HUME YU NA TADPAYA KARO...
Pyar kiya to nibhaya karo,
Deke dard judai ka na mujhe yu tadpaya karo,
Na lo meri mohabbat ka imtehaan,
Kya kami rah gai meri mohabbat me ye to btaya karo,

Sath na dena ho yadi to sapne na dikhaya karo,
Jana ho dur hi agar to kisi ke zindagi me na yu aaya karo,
Kar ke wada sath nibhane ka,.... Read More

लोग क्यों बिता देते है उमर अपनो को आजमाने में

Author  Photo Mukesh Musafir   (Wed 18th Nov 2015) लोग क्यों बिता देते है उमर अपनो को आजमाने में
खड़ा था जो दरिया के एक किनारे पे बना रखा था
आशियाना टहनी के किसी सहारे से आंधी आई और एक ही झटके में टूट गया
वह कैसे उजरा होगा कभी पूछो मुसाफिर दीवाने से
ना जाने लोग क्यों बिता देते है उम्र अपनों को आजमाने में
ना जाने लोग क्यों बिता देते है उम्र अपनों को आजमाने में
---- मुकेश मुसाफिर .... Read More

chali mai tujhe chhodkar ai ghar

Author  Photo Uma   (Sat 11th Nov 2017) chali mai tujhe chhodkar ai ghar
chali mai tujhe chhodkar ai ghar

banane ik naya ashiyana

ye aakhri padaav hai mera
kyonki ab jo hai vo hai khud ka makan

jab bhi chhoda kisi ghar ko maine
yaadein saath me chalti hai
.... Read More

KASH! YE DIL BHI BENAKAB HOTE...

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 30th Sep 2017) KASH! YE DIL BHI BENAKAB HOTE...
Kash! Ye dil bhi benakab hote,
To sayad na dhokhe hote aur nahi fasad hote,
Log sirf unse dosti karte,
Jinke dilo me sirf mohabbat ke raag hote,

Kash! Ye dil bhi benakab hote,
To sayad na dhokhe hote aur nahi fasad hote,
Sirf unse hi pyaar hota,
Jinke dilo ke liye wo khaas hote,
.... Read More