क्या है पार्टी और नेताओं के कथित विकास की हकीकत

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Tue 5th Sep 2017      Write your Article
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क्या है पार्टियों और नेताओं के कथित विकास के दावों की हकीकत
क्या है नेताओं और पार्टियों के विकास की हकीकत-------
आजादी से लेकर अब तक एक आम गरीब मतदाता वही मुद्दे नाली सफाई पानी बिजली या फिर इससे आगे अगर बात करो तो मंहगाई की आग में झुलसने की भी बात करता है ।
अब क्योंकि यही आम गरीब तबका मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है । जबकि एक खास धनाड्य वर्ग या बुद्धिजीवि वर्ग सिर्फ और सिर्फ डिबेट या विचारों के आदान प्रदान तक ही ज्यादा सीमित रहता है और मतदान में ऐसे लोगों का प्रतिशत उँगलियों पर ही गिना जा सकता है ।
अब क्योंकि मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने में एक आम गरीब वर्ग का योगदान ज्यादा रहता है तो बात भी हम उसी वर्ग के मतदाता की करते हैं ।
क्या है नेताओं के आचरण की हकीकत------
आज जिस प्रकार से नेता कपड़ों की तरह पार्टियां और अपने विचार बदल रहे हैं वो कहीं से भी जनता हित में नही है । लेकिन इन दलबदलुओं को वही जनता फिर से अपने वोट की ताकत से चुनकर विधायक और सांसद बना देती है अब इन सबके लिए कौन दोषी है ?
क्या नेता राजनीती में सेवाभाव के लिए आते हैं--------
मेरा मानना है कि आज की वर्तमान राजनीती एक व्यवसाय का रूप धारण कर चुकी है पूर्व के नेता जिनके नाम सिर्फ उँगलियों पर गिने जा सकते हैं जो राजनीती में धन कमाने के उद्देश्य से नहीं आये जन सेवा उनका मूल उद्देश्य था ।
अब क्योंकि राजनीती एक व्यवसाय का रूप धारण कर चुकी है ।
वर्तमान राजनीती का मूल मंत्र है धन लगाओ और जब विधायक सांसद और मंत्री बन जाओ तो ब्याज समेत धन कमाओ ।
इसी धन लगाने और धन कमाने के तिलिस्म में बहुत पीछे छूट जाता है विकास का मुद्दा ।
आज के खर्चीले चुनाव को जीतने के लिए रुपया पानी की तरह बहाया जाता है ये भी किसी से छुपा नहीं है तो फिर जो भी चुनाव जीत कर जाता है वो अपने चुनाव में खर्च रूपये को ब्याज समेत निकालने और अगले चुनाव में खर्च करने के लिए 5 वर्ष तक लगा रहता है ।
इसी धन को ब्याज सहित कमाने की जड़ में छुपा हुआ है भ्र्ष्टाचार का भयावह चेहरा विकास की योजनाये भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है । विकास की योजनाओं में बंदरबाट हो जाता है क्या नेता क्या अधिकारी सब एक ही थैली के चट्टे बट्टे बन जाते हैं विकास की योजनाएं या तो फाइलों में दफन हो जाती हैं या फिर भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं यही होता आया है और शायद आगे भी यही होता रहेगा शायद देश की जनता की यही नियति बन चुकी है ।
अब क्योंकि विकास कुछ किया नहीं अब अगले चुनाव में किस मुंह से जनता के बीच जाएँ तो वही घिसा पिटा बहाना या तो विपक्ष में थे या फिर मैंने बहुत प्रयास किया या फिर सिर्फ किसी योजना का शिलान्यास कर काम चला लिया जाता है और जनता को अगले चुनाव का झांसा दे दिया जाता है और भोली जनता इन छलियों के जाल में फंस कर उनकी डुगडुगी पर फिर से नाचने को तैयार हो जाती है यानि फिर उसी विकास (विनाश) पुरुष को जिता देती है । यानि विकास का दावा चुनाव दर चुनाव और भयावह रूप धारण कर लेता है ।
हमारे देश के नेताओं की संपत्ति में चुनाव दर चुनाव बढ़ोत्तरी इस बात को साबित करती है कि हमारे देश की जनता का विकास हुआ हो या न हुआ हो हमारे देश के नेताओं की संपत्ति का विकास दिन रात दूना और चौगुना हुआ है ।
अब बहुत हो गया राजनीती के इस दूषित चेहरे को बदलना होगा इस सबकी जिम्मेदारी भी जनता की बनती है उन्हें इन राजनितिक मदारियों से सावधान रहना होगा जो उनके वोट का इस्तेमाल सिर्फ अपने विकास के लिए करते हैं ।
राजनीती में बाहुबलियों और माफियाओं का दखल–--------
अब इसके लिए भी किसे दोष दिया जाये बहुत समय से देखा जा रहा है कि राजनीती के चेहरे को और दूषित करने के लिए माफियाओं और बाहुबलियों को राजनीती के गलियारों में माननीय बनने का सौभाग्य भी प्राप्त होता रहा है।
अब जिन बाहुबलियों और माफियाओं की असली जगह जेल होनी चाहिए वो माननीय बनकर मूछों पर ताव देते हुए अपनी ताकत में और इजाफा कर लेते हैं ।
अब इस सबके लिए किसे दोष दिया जाये दलबदलू नेताओं को विकास का लॉलीपॉप दिखाने वाले नेताओं को भ्र्ष्टाचार में डूबे रहे नेताओं को या फिर उन माफियाओं एवं बाहुबलियों को ये सब जनता के ही वोट से चुनकर माननीय बनने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं ।
इन सबकी जिम्मेदारी बनती है हमारे देश के आम मतदाता की बुद्धिजीवियों की युवाओं की किसानों की बेराजगारों की व्यापारियों की छात्रों की महिलाओं की अब बहुत हो चूका अब हमें जाति धर्म के बंधन में न फंसकर और दलबदलू माफिया भ्र्ष्टाचार में डूबी पार्टी और उनके नेताओं से सावधान रहने की जरूरत है ।पार्टियों और दलबदलू नेता या भृष्टाचारी नेताओं एवं विकास के नाम पर छल करने वाले जनप्रतिनिधियों के लुभावने प्रलोभन में न फंसकर योग्य उम्मीदवार जो आपके ही बीच रहकर संघर्ष करने वाला हो उसे ही चुनकर भेजे ।
पं संजय शर्मा की कलम से

MAHADEV my love

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Thu 11th Jul 2019) MAHADEV my love
Jab bhi mai apne bure haalaton se hu ghabhrata,
Mere maula mere mahadev kehte ruk bacche mai hu aata.

Mere mahadev sa koi ni,
Sacchi mohabbat maine unse ki.

Kehte hain log mujhe baawla,
Wo kya jaane mai tou hu unka laadla.

Mahadev se kya baat kahu mai unhe dekh tou yahi awaaz aati,.... Read More

विरानी दुनिया

Author  Photo Shrivastva MK   (Mon 23rd Oct 2017) विरानी दुनिया
तेरी एक ज़ख्म ने मुझे दर्द में जीना सीखा दिया,
मेरी सुंदर दुनिया को एक वीराना देश बना दिया,
आज मैंने अपनी कहानी की सुरुआत इन दो पंक्तियों से किया है ,पता है क्यों??
क्योंकि इन दो पंक्ति में ही मेरी पूरी कहानी छुपी हुई है।
कुछ अलग थी मेरी ज़िंदगी,न कोई दर्द न कोई गम का साया था,
खुश था मैं और अपने .... Read More

हमदर्द....

Author  Photo Somya Saraswat   (Wed 15th Mar 2017) हमदर्द....
इस गगन को हमदर्द बनाने का मन करता है,

हवाओ को निगाहों पर से महसूस करने का मन करता है,

मुश्किलों मे पेड़ की छाया मे अक्सर बैठा करते है लोग,

उस छाया की कसम, दो पल सुकून देने के लिए वह धुप से वकालत करता है,

इस गगन को हमदर्द बनाने का मन करता है....
.... Read More

Dariya ko kinara

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 1st Feb 2015) Dariya ko kinara
Dariya ko kinara milta hai
Moujo ka sahara milta hai
Raho mai hamari dekho tum
Kaisa ye najara milta hai
Har GAM ka fasana milta hai
Yaaro ka jamana milta hai
Mushkil ki ghadi mai dekha to
Apna bhi begana milta hai
Jab waqt hamara milta hai
Har shaam suhana milta hai.... Read More

PYAARA SA SAFAR

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sun 7th Apr 2019) PYAARA SA SAFAR
29 August ko hui thi pehli mulakaat,
Taraste they sunne ko wo unki aahat.

5 september ko hui unki dosti,
Ek ladki jo shaadi se bhut darti.

Intezaar mein baithe rehte they wo,
Baar baar niharte shayad koi paigaam aaya ho.

Hokar mayoos fir laut jaate, .... Read More

मेरी प्यारी बहना

Author  Photo Shrivastva MK   (Sun 8th Oct 2017)  मेरी प्यारी बहना
मेरी प्यारी बड़ी बहना
तुम हमेशा यू ही खुश रहना,

तुम्हारे सारे दर्द मुझे मिल जाये,
मेरी सारी खुशी तुम्हे मिल जाये,

तुम्हारे चेहरे की खुशी कभी न छूटे,
तुम्हारे सपने तुमसे कभी न रूठे,

मेरी बहना के राहों में कभी कांटे ना हो,.... Read More

दुनिया का निजाम

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Thu 12th May 2016)  दुनिया का निजाम
वाह री दुनिया देखा तेरा निजाम
और उसे चलाने वाले
यहाँ के दो नियम हैं
जिंदगी जीने के
खुद के लिए कुछ
बाकियों को बहलाने वाले
उनको छींक भी आ जाये
वो खबर बन जाता है
हमारी तो उम्मीदों का
सूरज भी यहाँ ढल जाता है.... Read More

Ham to peete bhi rahe

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 31st Jan 2015) Ham to peete bhi rahe
Ham to peete bhi rahe
ham to jeete bhi rahe

Dard dil mai Jo tha
Usko seete bhi rahe

Raho mai Jo mila
Uske hote bhi rahe

Apni tanhai ko.... Read More

Badla zindagi ne rukh

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sat 26th May 2018) Badla zindagi ne rukh

Meri zindagi ne mod liya kaisa
Socha nahi tha ki hoga kabhi aisa
Hawao ka badalta rukh
Deta hai bahut dukh
Akhiyon se bas behti hai nadiya
Hai bahut si majburiya
Badal gaya ye aasma
Kaisa hai ye khuda ka karishma .... Read More