आधा बुना स्वैटर

Author Photo Somya Saraswat Tue 17th Jan 2017      Write your Story
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किस्मत ने मिलाया मुझे तुझसे, खुशी और ख्वाईशो ने मुझे तेरे पल्लू मे बांध दिया
फिर क्या खता की किस्मत ने मुझसे, तेरे लायक नही शायद, ईतनी जल्दी करार दीया।
भूला नही हूँ मै तुझे, तेरी याद मे सारी जिन्दगी बिताऊगा
कमजोर नही हुँ मै, जो इतनी जल्दी हार जाऊगा।
ये कहानी है, उन दो प्रेमीयो की जिनकी प्रेम कहानी तो अधूरी रह गई लेकिन प्रेम, आज भी जिन्दा है।
मै राहुल आज अपनी अधुरी दास्तान इन कागज के पन्नो मे सजा रहा हूँ, वो कहते है न, जब कोई दोस्त न मिले अपनी बात बया करने को, तो वो कागज़ के पन्ने ही होते है, जो अपनी बात अपने तक ही रखते है, किसी को कुछ नही बताते।
एक लडकी थी, बेहद खूबसूरत, पर मै उसकी खूबसूरती पर ही फिदा नही हुआ था, पहली बार मैने उसे एक आईस्क्रीम की दुकान पर देखा था। वनीला फ्लेवर लिया था उसने। अचानक एक गरीब बच्चा आया और उस लड़की से बोला दीदी दीदी मुझे आईस्क्रम दिलवादो मुझे भी खानी है....वो लड़की बिना कुछ बोले वहाँ से जाने लगी, उस बच्चे की माँ वही बैठी थी, बच्चे ने अपनी माँ से कहा माँ मुझे आईस्क्रीम दिला दो। उसकी माँ ने कहा बेटा हम तो गरीब है, हमारे पास तो इतने पैसे ही नही। उस लड़की ने सब सुन लिया, उसने अपनी आईस्क्रीम खाई ही नही थी, की बच्चे के पास गई और अपनी वनीला फ्लेवर आईस्क्रीम उसे दे दी। वो बच्चा बहुत खुश हुआ, उस बच्चेको देख उस लड़की की आँखे नम हो गई, लेकीन अपनी आँखो मे ही आँसु रोक, वहा से चली गई।
मै वही था, सब देख रहा था, बस उसकी इसी अदा ने मुझे उस पर फिदा कर दिय़ा। ऐसी भी लड़किया होती है... मै सोचने लगा। श्याम हुई मै घर आया, थोड़ा आराम किया और वही द्रश्य मैने अपनी माँ को बताया। उस लड़की के बारे मे बताया। पहले तो मै लड़कियो के खिलाफ था, पसंद नही थी मुझे लड़किया, पर उस लड़की ने न जाने कैसा जादु किया,की मेरी सोच ही बदल गई। मेरी माँ ने मेरी बातो को बहुत ध्यान से से सुना मेरी भावनाओ को समझा और बोली “तुझे वो पसंद तो नही आ गई”??
मै कुछ नही बोला....मां ने फिर कहा “नही नही चुप मत रह बता दे पसंद तो नही आ गई न”?? मै मुस्कुराने लगा और बोला “क्या मम्मा आप भी कुछ भी समझ लेती हो, मैने ये थोड़ी कहा, की मुझे वो लड़की पसंद आ गई, अब जिस किसी की मै तारिफ करुंगा उसका मतलब ये थोड़ी होगा की मुझे उससे प्यार हो गया.... पर मैने प्यार की बात तो की नही, तु वहा तक भी पहुँच गया माँ ने कहा। मुझे कुछ न सूझा...सामने से भईया जा रहे थे, अरे भईया भईया सुनो..कहते कहते मै वहा से बाग गया। माँ सब समझ तो गई ही थी पर कभी जताया नही। अब तो वो लड़की हर जगह नजर आने लगी थी मुझे। भूल ही नही पा रहा था मै उसे जितना भूलने की कोशीश करता उतनी याद आती वो मूझे...अब तो उससे मिलना बहुत जरुरी हो गया था, अब तो उससे मिलना ही मिलना था, पर मिलता भी तो कैसे, न जान न पहचान नाम तक नही पता था मुझे...कैसे पता लगाऊ यही सोचते-सोचते पूरी रात बीतती रही ।।
अगले दिन सुबह सर बहुत भारी हो रहा था। होता भी क्यू नही, पूरी रात जो लगा दी थी, उस लड़की के बारे मे सोचते-सोचते…मै उठा फिर जल्दी से तैयार होकर ब्रेकफास्ट किया। बेटा, खिड़की पर अखबार रखा है, जरा ले आना तो...पापा ने कहा, मै खिड़की पर से अखबार उठा ही रहा था, की मैने क्या देखा.........वही वनीला फ्लेवर वाली लड़की बहार ही खड़ी थी। गुलाबी सूट, खुले बाल, बहुत प्यारी लग रही थी। मै तो अखबार हाथ मे लिय लिय उसे ताके ही जा रहा था कि....”अरे राहुल अखबार मिला कि नही, कहा रहे गए”....पापा ने आवाज दी, मै पापा के पास गया उन्हे अखबार देते हए बोला “अच्छा पापा चल्ता हुँ काँलेज के लिय देर हो रही है”....”पर बेटा अभी तो साढ़े आठ ही हुए है, तुम्हारा कालेज तो साढ़े नौ बजे का है न”....नही नही पापा, वो पीयूश है न मेरा दोस्त उसको साथ लेकर जाना है मुझे। बाय पापा, बाय मम्माकहते हुए मै घर से बहार दौड़ता हुआ निकल गया। बड़ी खुशी से जब मै बहार आया तो.... वहाँ कोई था... वो लड़की वहाँ से जा चुकी थी....मै निराश होकर अपनी बाईक पर ईधर-उधर घुमने लगा, और अपने काँलेजे का समय होते ही वहाँ चला गया। उदास मन से क्लास मे पहुँचा ही था की एक गुलाबी सूट वाली लड़की मेरी क्लास मे बैठी हुई थी...अरे!! ये तो वही लड़की है मैने मन मे सोचा। मेरी खुशी का ठिकाना ही नही था, पागल ही हो गया था मै जैसे....
बैल बजी मैम आ गई। मै उस लड़की की एक सीट छोड़कर दूसरी पर बैठा था....पूरी क्लास के समय मै सिर्फ उसेही देखे जा रहा था, नजरे ही नही हट रही थी.....मैम ने पूरी क्लास के सामने मुझसे कहा “राहुल कहा ध्यान है तुम्हारा???? मैने झिझकती हुई आवाज मे कहा ”sorry mam…so..ssss…so...sorry”उस लड़की ने, तब मेरी तरफ देखा.... मै और खुश हो गया, ये सोचकर, की चलो इस बहाने उसने मुझे देखा तो सही क्लास ओवर हो गई, मै उस लड़की से मिलने जा ही रहा था की मैने देखा की वो मेरे पास आ रही है, मैने नजरे नीचे कर लीऔर अपने बैग मे बुक्स रखने का नाटक करने लगा....Excuse me…उसने आवाज दी, कितनी प्यारी आवाज थी...मै सोचने लगा और उसकी तरफ देखते हुए बोला yes…??? Hey! I m Rina….Me Rahul कहकर हमने हाथ मिलाया। मै इस शहर मे नई आई हुँ। मेरा new admission हुआ है, मुझे ज्यादा कुछ पता नही है ईस काँलेज के बारे मे, क्या तुम मेरी मदद करोगे?? बस... ये सुनकर तो मेरे दिल मे जैसे गिटार बजने लगे, दिल बागबान हो गया था, एसा लग रहा था मानो बगीचे मे मोती उग आए हो। हाँ..हाँ बिलकुल, तुम्हे जहाँ भी और जैसी भी problem आए तुम मुझे बता सकती हो...फिर, क्याplzzz तुम अपना नम्बर दे सकती हो...हाँ हाँ...बिलकुल ले लो 7859658444, ok… Thankyou so much, रीना ने खुशी से कहते हुए बोला।मै मुस्कुराया और हम दोनो घर चले गए।
काँलेज की छुट्टि हो गई थी, bike चलाने से ज्यादा तो मै रीना के बारे मे ही सोचे जा रहा था, वो दो मिनट की बाते मेरे दिमाग मे घर कर गई थी। घर आने के बाद भी मै अपने मोबाईल मे सेव रीना के नम्बर को ही बार बार देखे जा रहा था। उसका नाम तो पता चल ही गया था, बाकी सब कुछ जानना था मुझे उसके बारे मे। मै पूरी रात उसके काँल का इन्तजार करता रहा, की शायद काँल कर दे....लेकिन उसका काँल नही आया। अगले दिन सुबह जब मै काँलेज गया रीना क्लास मे ही थी मै उसके पास गया ....Good Morning Reena मैने मुस्कुराते हुए कहा, Good Morning Rahul उसने जवाब दिया, क्या पढ़ रही हो?? कुछ नहीं बस मुझे बुक्स पढ़ने का बहुत शौक है...वही पढ़ रही हूँ, अच्छा, और क्या-क्या पसंद है तुम्हे? मैने पूछा। मुझे dancing, singing और पढ़ने का बहुत शौक है, इसके अलावा मुझे बुन्ने का भी बहुत शौक है। बुन्ना ???मैने बहुत हैरानी से पूछा.....हा बुन्ना, मै जिस किसी को ये बताती हूँ वो सब ही मुझे इसी तरह हैरानी से देखते है। हाँ.....क्योकी बुन्ना आज कल की लड़किया करती कहाँ है इसलिय शायद......
काफी महीने बीते, एसे ही बात करते-करते हम कब इतने करीब आ गए पता ही नही चला। मुझे तो वो पहली नजर मे ही भा गई थी, लेकिन बताने से कतराता था, की कही हमारे बीच जो दोस्ती है वो खतम न हो जाए। सर्दिया आ गई थी, पर मजाल है की हम दोनो आलस कर जाए, हमेशा एक दूसरे से मिलने के लिय काँलेज आते थे, फिर पास मे रामु के ढ़ाबे पर गरम-गरम चाए और बिस्कुट खाते और बहुत सारी बाते करते, कितना मजा आता था। अगले दिन रीना नीले रंग का स्वैटर पहने मेरे घर आई मेरी माँ ने दरवाजा खोला....Aunty राहुल है?? हाँ...हाँ बेटा है न आओ...अंदर आओ.....मै सामने ही खड़ा था...उसे ही देख रहा था.....अरे Hey! रीना आओ…… वैसे इस surprise का क्या मतलब?क्यू मै तुम्हारे घर नही आ सकती...?? अरे... नही नही वो तो तुम अचानक आ गई इसलिय बस, थोड़ा सा हैरान हो गया.... मैने मुस्कुराते हुऐ कहा। काफी देर तक हम दोनो बात करते रहे, मेरी माँ किचन मे कुछ न कुछ बनाने मे लगी थी। ये स्वैटर बहुत अच्छा लग रहा हैकहा से लिया?? मैने पूछा, ये मैने लिया नही ये मैने खुद बनाया है। मै एक पल के लिय तो हैरान ही रह गया, इतना सुदंर स्वैटर तुम्ने अपने हाथो से बुना है मैने बड़ी हैरानी से पूछा, हाँ बिल्कुल मैने ही बुना है उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, मेरे लिय भी बुन्ना न plzzz… मैने मज़ाक मे कहा और उसने जवाब दिया, हाँ हाँ बिल्कुल, कहकर हम दोनो हसने लगे।
करीब पाँच घंटे तक हम दोनो ऐसे ही बाते करते रहे और हसते रहे तभी उसे अचानक से अजीब सा लगने लगा, तबयत खराब होने लगी थी, जब मैने उससे पूछा रीना क्या हुआ?? तुम ठिक तो हो न?? अरे कुछ नही राहुल मै चलती हूँ, अरे...रुको तो सही मै छोड़ देता हूँ, नही नही मै चली जाऊगी, कहकर वो चली गयी,थोड़ा अजीब लगा मूझे।रात मे जब मैने उसका हाल जानने के लिय उसे काँल किया तो उसकी आवाज थोड़ी दबी-दबी सी लगी, उसने कहा की थोड़ी सी तबयत खराब है, ठीक हो जाऊगी। अच्छा, अपना ध्यान रखना मै अगले हफते मुम्बई जा रहा हूँ, पापा के साथ, उसके बाद ही मिलेगे हम....मेरे ये कहते ही वो दो मिनट के लिय शांत हो गई फिर अचानक बोली, तुम्हारे लिय एक surprise है जल्दी आ जाना....उस एक हफ्ते मे हमारी एक बार भी बात नही हो पाई। मैने काँल तो बहुत किया उसे, पर कभी लगा ही नही। मै बहुत ही बेचैन रहता था, की आखिर ये क्या हो रहा है, ये एक हफ्ते की दूरी एक साल के बराबर लग रही थी।
आखिरकार मेरे वापास लौटने का दिन आ ही गया, बहुत बेचैन था मै, रीना से मिलने के लिय, उसने एक बार भी बात करना क्यू जरूरी नही समझा, ये जानना चाहता था मै। घर पहुचते ही सबसे मिलकर मै रीना के घर दौड़ लिया, जब उसके घर पहुचा तो उसका घर बहुत ही शांत था, कुछ हलचल ही नही थी, पहले तो एसा कभी नही हुआ। रीना रीना.....कहकर मैने आवाज लगाई, तभी अचानक रीना की माँ बहार आई और मुझे अंदर बुलायावहाँ जो मैने देखा वो किसी धक्के से कम नही था,मेरी धड़कने थम गई थी एक संन्नाटा सा छा गया था मेरे दिल मे.....फूलो की माला चढ़ाए हुए रीना की तस्वीर, दिवार पर थी। वो दिन, मै आज तक नही भूल पाया हूँ, आज भी जब याद करता हूँ तो दिल सहम जाता है, इतनी हसमुक लड़की इतनी जल्दी...कैसे....???मैने जब रीना की माँ से पूछा आन्टी ये सब क्या है???ये….......
बेटा, रीना को Brain tumorथा। उसने तुम्हे बताने से मना किया था। उसकी जिंदगी मे हमेशा दुख ही दुख रहे, पर तम्हारे साथ रहकर वो खुद को बहुत खुश महसूस करती थी, तुम उसकी जीने की वजह बन गए थे, पर शायद भगवान को ये मंजूर नही था, अकसर उसकी तबयत खराब रहती थी और अब.....खैर छोडों बेटा......मेरे मुँह से शब्द नही निकल रहे थे.....बस उसकी छवि ही आँखो के आगे घुम रही थी। मे एक बार उसे महसुस करना चाहता था....आन्टी आपकी अगर ईजाज़त हो तो क्या मै रीना के कमरे मे जा सकता हुँ, बस एक बार plzzz….ठीक है बेटा, चले जाओ.....मै उसके कमरे मे गया, उसके कमरे की हर एक चीज़ महसूस करने लगा अचानक एक लाल रंग का आधा बुना स्वैटर बैड पर रखा था, मैने उसे देखा और फूट-फूट कर रोने लगा क्योकि मै समझ गया था, की ये वही surprise था जो वो मुझे देना चाहती थी, ये वही स्वैटर था, जो मैने उसे एक बार कहा था बनाने को..मैने तो मज़ाक मे कहा था, लेकिन उसने तो बुनना भी शुरु कर दिया था, इतनी बिमारी मे भी सिफ मेरे लिय.....मेरे मन मे उसके लिय आदर और भी बड़ गया था, मैने तुरंत वो आधा बुना स्वैटर पहनकर खुद को आईने मे देखा और बहुत रोया....बहुत...
तेरी मुस्कुराहट याद है मुझे, तुझसे जुड़ी हर बात याद है मुझे, कभी सोचा नही था की मेरी खुशी का इतना ध्यान है तुझे, तभी तो तेरा बुना हुआ स्वैटर कभी नही भूल पाऊँगा।।।

ZINDAGI KO JEENA SIKH LO

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 25th Oct 2017) ZINDAGI KO JEENA SIKH LO
Zindagi ko jina sikh lo,
Zindagi se ladna sikh lo,
Hausla rakho sabse uper,
Zindagi me jitna sikh lo,

Bana do apni ek alag pahachan,
Naam wahi par kam alag ho
Visva me tumhara ho ek alag kirtimaan,
Karke apne kul ko rausan,
hansna aur hansana sikh lo, .... Read More

जिंदगी का सफर

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 8th May 2016) जिंदगी का सफर
कुछ कदम तुम चलो
कुछ कदम हम चलें
तो सफर कट ही जायेगा
रास्ते का फिर अँधेरा साथ मिलकर
छँट ही जायेगा
कोशिशों के सफर में चाँद धरती पर
उत्तर ही आएगा
तुम अगर साथ न दो तो
वक्त निकल ही जायेगा
इम्तिहाँ की घड़ी है अब.... Read More

Manzil

Author  Photo Areeba   (Tue 14th Jan 2020) Manzil
Manzil milegi, bhatak
Kar hi sahi
Gumarah to wo hain,
Jo gar se nikale hi
nahin..... Read More

MATA-PITA

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 4th Oct 2017) MATA-PITA
MAA

Maa mamta ki phool hai,
maa pyaar ka samundar hai,
badal de dhukh ko bhi sukh mein,
Maa ke andar karuna ka wo bhandar hai,

Maa duniya ki janani hai,
Maa surya ki raushani hai ,
jinke paas maa hai wo nirdhan nahi ,kyoki .... Read More

ANGELS

Author  Photo Indrajeet   (Fri 29th Jan 2016) ANGELS
CHAHA THA TUJE PAYA BHI THA TUJE
NA JANE FIR KIYU KHOYA TUJE

HAR PAL HR VAKT TUJE KRTE MISS

PATA HAI DIL KO TUM KBHI NHI AAOGE

FIR BHI NAJANE DIL KIYU KRTA HAI AAP ENTJAR

AAP KE AANE SHE PEHELE THA ENTJAR AAP K CHALE JANE KE.... Read More

The Graph

Author  Photo Anonymous User   (Sun 5th May 2019) The Graph
Admi aise ek aisa janbar hai jo kabhi kisi ka dard samjh pata hai to kabhi kisi ka nahi . Like he is always in confusion mode . But now a days life is running with good stuffs and bad stuffs . bhag daud ki zindegi , sath me naukri aur biwi . yahi hai zindegi ? Aj kal koi kisi ko samjh nahi pata hai .... Read More

Dosti..ek khubsoorat rishta

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sat 16th Sep 2017) Dosti..ek khubsoorat rishta
Agar dosti karte hain Tou use nibhana bhi sikhiye....
Dosti ka arth sukh dena ha
dukh nhi.
Aansuo ka haar
uphar mein dena nahi.....
Vaade kiye hain...
Tou use nibhana bhi sikhiye.....
Upar wale jinhe khoon ke
rishtey mein bandhana bhool jaate hai
Unhe sachhe dost bana dete hain....... Read More

ये गलियां बचपन की

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Wed 26th Aug 2015) ये गलियां बचपन की
ये गलियाँ तेरे बचपन की
कुछ कहती हैँ कुछ सुनती हैँ
अब वो यादें अपनेपन की
उन चौबारों में दिखती हैँ
सावन की मस्ती में जब
कोयल किलकारी भरती है
बारिश की बूंदों से ही तब
नाव हमारी चलती है
बंद हो गई धमा चौकड़ी
अब न वो बारिश दिखती है.... Read More

बापू तुमने राह दिखाई

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 26th May 2018) बापू तुमने राह दिखाई
बापू तुमने राह दिखाई
देश मे ऐसी अलख जगाई
सत्य अहिंसा से लड़ी लड़ाई
अंग्रेजों से मुक्ति दिलाई
भाग गए अंग्रेज कसाई
देश को तुमने आजादी दिलाई
अब लड़ते यहां भाई भाई
चाहें हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
नेता कर रहे काली कमाई
खा रहे वो दूध मलाई.... Read More