Friday, 13 January 2017
गाँधी एक चिंतन गाँधी एक विचार
गाँधी जी जैसा बनने के लिए सात जन्म भी कम पड़ जायेंगे चरखा लेकर फोटो खिंचाने से कोई गाँधी नहीं बन जाता ।
इसी प्रकार जैसे दरोगा नाम रखने से या वकील नाम रखने से कोई दरोगा या वकील नही बन जाता ।
उसी प्रकार चरखा लेकर फोटो खिंचाने से कोई गाँधी या गाँधी जैसा नहीं बन जाता ।
बल्कि जो लोग गाँधी के नाम को हटाकर या उनका फोटो हटाकर देश को और आने वाली पीढ़ियों को क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं मेरी नजर में ऐसा कर वो स्वयं को उपहास का पात्र ही बना रहे हैं।
सारी दुनिया जानती है कि भारत ने जो आजादी की लड़ाई लड़ी वो लड़ाई सत्य और अहिंसा के पथ पर लड़कर लड़ी थी उनके इसी सत्य और अहिंसा का लोहा विश्व ने माना ।
आज उन्हीं गाँधी जी के नाम को जबरन सत्ता के मद में चूर होकर हटाने का षड्यंत्र किया जा रहा है ।
मैं यहां एक बात और कहना चाहता हूँ कि आप गाँधी जी का फोटो कलेंडर से तो हटा सकते हो लेकिन करोड़ों भारतीय और दुनियां में गांधी के नाम और विचार को अपनाने वाले उनके करोड़ों अनुयायियों के दिलों से गाँधी जी का नाम और उनका चित्र को नहीं हटा सकते ।
इस बात को वो लोग समझ लें और जान भी लें ।
गाँधी एक नाम ही नहीं अपितु गाँधी एक विचार है
गाँधी एक चिंतन है
गाँधी के विचार और चिंतन को सारी दुनिया ने अपनाया भी और उस विचार और चिंतन का लोहा भी माना
पं संजय शर्मा की कलम से