दामन पर लगे दाग को छुड़ाना बड़ा मुश्किल
कश्ती को तूफाँ से बचाना बड़ा मुश्किल
अँधेरे को रौशनी से सजना बड़ा मुश्किल
भूले को अब राह दिखाना बड़ा मुश्किल
नफरत को चाहत में मिलाना बड़ा मुश्किल
आँधियों के इस रुख को मोड़ पाना बड़ा मुश्किल
जिंदगी की जद्दोजहद से टकराना बड़ा मुश्किल
हुआ जिंदगी की राह को अब चलाना बड़ा मुश्किल
पं संजय शर्मा 'आक्रोश'