नासमझ था मैं जब तुमसे प्यार हुआ,
इस दिल पर जब मोहब्ब्त-ए-इज़हार हुआ,
एक क्षण का भरोसा ना था इस ज़िन्दगी पर,
फिर भी सांसो-से-सांसो तक का इक़रार हुआ।
लोगो ने कहा रोयेगा तू प्यार में देख लेना
मैंने कहा, देखते है!
लोगो ने कहा, ये सब झूठ है और कुछ नही !
मैंने कहा देखते है!
आज उन लोगो की जीत हुई और मेरा हार हुआ,
उसने ही दर्द दिया जिसके लिए ये दिल बेक़रार हुआ,
प्यार बद नही है और नाही ये दुनिया बस
कुछ लोगो के चलते आज प्यार फिर से सर्मसार हुआ।