उ प्र मे कांग्रेस की दुर्दशा के लिए दोषी कौन ?

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Tue 5th Sep 2017      Write your Article
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उ प्र में कांग्रेस की दुर्दशा के लिए दोषी कौन ?
क्या कारण है उ प्र में कांग्रेस की दुर्दशा का--
कांग्रेस के लिए एक बात जरूर कहना चाहता हूँ कि क्या कारण है उ प्र में 27 साल से कांग्रेस हाशिये पर ही खड़ी नजर आती है ।
कमजोर संगठनात्मक ढांचा--
एक लंबे समय से उ प्र का रण अकेले जीतने की सबसे बड़ी सियासी मजबूरी कांग्रेस के मुंह बाएं खड़ी रहती है ।
अब जब इतने लंबे समय से कांग्रेस का सियासी ढांचा कमजोर है तो कांग्रेस ने ये सब जानने के बाद इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया अब तक जबकि उन्हें मालूम था कि उनको चुनावी रण में जाना है ।
बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं एवं आम कार्यकर्ताओं से हाईकमान की संवादहीनता--
कांग्रेस के संघठनात्मक ढांचे की कमजोरी और बूथ स्तर और आम कार्यकर्ताओं की उपेक्षा भी कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को और कमजोर करती है आम निष्ठावान कार्यकर्ताओं से कांग्रेस हाईकमान की दूरी और उनसे संवादहीनता ।
ज्यादा दूर न जाते हुए हम बात करते हैं 2017 में कांग्रेस से दावेदारी करने वाले कार्यकर्ताओं की क्या हश्र हुआ दावेदारों का इतनी परेड करने के बाद आम कार्यकर्ता को क्या मिला सिर्फ उपेक्षा और छल हाईकमान ने संघर्ष शील दावेदार कार्यकर्ताओं के ऊपर पैराशूट प्रत्याशियों को थोप दिया और उन संघर्षशील दावेदारों के दर्द पर मरहम लगाने की भी चेष्टा नहीं की ।
जब दावेदारों को झूठे सपने दिखाकर उनसे बूथ वाइज नाम और नम्बर और किसान मांग पत्र भरवाये जा रहे थे तब हाईकमान के लोग उ प्र स्तर से उन दावेदारों से काम कराने के लिए फोन या मैसेज के द्वारा उनके सम्पर्क में रहते थे फिर ऐसा क्या हुआ कि हाईकमान ने प्रत्याशी अपने स्तर से तय करने के बाद उन दावेदारों से फोन या मैसेज के द्वारा सम्पर्क कर उनके घावों पर मरहम लगाना भी जरूरी नहीं समझा ।
यही आम संघर्ष शील कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और छल उ प्र में कांग्रेस को उबरने नहीं दे रहा है ।
नेताओं की गुटबन्दी भी एक कारण उ प्र में कांग्रेस को कमजोर करने के लिए--
उ प्र में कांग्रेस को रसातल में पहुंचाने के लिए बड़े नेताओं की गुटबन्दी भी एक बहुत बड़ा कारण है उ प्र में कांग्रेस के दर्जनों गुट आपस में अपनी आस्तीनें एक दूसरे के खिलाफ चढ़ाते नजर आते हैं ।
अब उ प्र में कैसे गुटबन्दी और कमजोर संगठनात्मक ढांचे से कांग्रेस उबरे--
मेरा एक सुझाव है उ प्र में कांग्रेस को संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने के लिए और गुटबन्दी से निबटने के लिए ।
उ प्र में कांग्रेस की कमान प्राइवेट सेक्टर के रणनीतिकारों के लोगों को सौप दी जानी चाहिए । जिस प्रकार से उ प्र में टिकट के दावेदारों से जो प्रक्रिया अपनाई गई थी उसी प्रक्रिया पर अमल करते हुए रणनीतिकारों के हाथों उ प्र की कमान सौप दी जानी चाहिए ।
प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति तो हो पर संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए अब वो चाहें शहर या जिलाध्यक्ष की ही नियुक्ति क्यों न हो और चाहें प्रदेश कमेटी की भी नियुक्ति क्यों न हो ये सब रणनीतिकारों की देख रेख और उन्हीं के अनुमोदन से हो ।
नियुक्ति के अधिकार रणनीतिकारों के ही अनुमोदन से हों जिससे चापलूस और गणेश परिक्रमा करने वाले हाशिये पर चले जायेंगे ।
नेताओं की सिफारिश पद प्रतिष्ठा लेने का पैमाना न रखी जाए कार्यकर्ताओं का पैमाना उनके पूर्व और वर्तमान में किये जा रहे जनसंघर्ष में उनके द्वारा किये गए नेतृत्व को माना जाये और उन रणनीतिकारों की मॉनिटरिंग हाईकमान स्वयं करें जिससे सही और गलत का भी आंकलन हो सके ।
शहर अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष या अधिक से अधिक 2 वर्ष रखा जाये । कार्यकाल पूरा करने के बाद अध्यक्ष पद से चिपके रहने की उन अध्यक्षों की मंशा दूसरे कार्यकाल के रूप में न पूरी की जाये ।
इससे अन्य कार्यकर्ताओं को भी आगे आने का मौका मिलेगा ।
देखा गया है कि उ प्र के जिलों में कांग्रेस के स्थायी कार्यालय नहीं हैं जबकि अन्य पार्टियों के स्थायी कार्यालय हैं कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस के स्थायी कार्यालय खोले जाएँ ।
कार्यालय के प्रचार प्रसार एवं संसाधन उ प्र कांग्रेस या ऑल इंडिया कांग्रेस उपलब्ध कराए ।
ऊपर से आने वाले नेता या प्रभारी अपने रहने ठहरने या अन्य सुविधाओं के लिए लोकल नेता या अध्यक्षों पर दबाव न बनाएं अपनी व्यवस्थाएं पर खर्च वे स्वयं वहन करें ।
यहाँ एक बात जरूर ध्यान रखनी है कि फिर वही पुनरावृत्ति न दोहरा दी जाये जो प्रत्याशी चयन में की गई थी ।
इस प्रक्रिया को अपनाने से उ प्र और अन्य प्रदेशों में जहां कांग्रेस गुटबन्दी और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर कमजोर की जा रही है कांग्रेस को मजबूत करने वाले संघर्ष शील कार्यकर्ताओं को सामने आने का मौका मिलेगा ।
पं संजय शर्मा की कलम से

Ghar koi hota mera apna

Author  Photo Uma   (Thu 1st Jun 2017) Ghar koi hota mera apna
ghar koi hota mera apna
jisse bantati mai sara dard apna

to mai hoti khush k koi to hai
jise meri parwah hai
koi to hai jise meri chah hai
par na hai aisa na hoga koi

ghar hai koi to mai hun vahi jo khud k liye hai
aur shayad hai yahi sahi .... Read More

Meri raaho se andhera chhtta hi gaya

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Tue 3rd Feb 2015) Meri raaho se andhera chhtta hi gaya
Jeewan ke safar mai chalta hi gaya

Sathi naya milta hi gaya

Manjil pe apni badta hi gaya

Fool vafa ka khilta hi gaya

Mere dil ne Jo kaha karta hi gaya
.... Read More

jind meri

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Thu 11th Jul 2019) jind meri
Kudrat ne vi taar ohna naal jode ne,

Ohna di muskaan tou savere hunde.

Saddi jindadi da sab tou sohna farishta haiga,

Tuhade baajo ek pal vi jee nahi lagda.

Saddi aadat bn gye ho tussi,
.... Read More

MOHABBAT KI KHUSHBU

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 25th Oct 2017) MOHABBAT KI KHUSHBU
Teri mohabbat ki khusboo me
Hum es kadar rang jayenge,
Hasin hoga mausam bhi
Jab teri yadon me hum kho jayenge,
Nind se khulegi jab ye palaken meri
Apne samne tujhe hi payenge,
Tujhe hi payenge....


Khuli khuli ye julafen teri.... Read More

तो ऐ ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना

Author  Photo Madhu Bhagat   (Thu 29th Sep 2016) तो ऐ ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना
मैं कमजोर पड़ जाऊ , तो ये जिंदगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरे आखो पर अश्क दस्तक दे दे तो ,ये ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरी मुस्कुराहट पर अगर गुमान ने जगह ले ली तो मैं कमजोर पड़ जाऊ , तो ये जिंदगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरे आखो पर अश्क दस्तक दे दे तो ,ये ज़िन्दगी मेरा हाथ थाम लेना ,
मेरी मुस्कुराहट पर .... Read More

Gairo se gila kya kare

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 1st Feb 2015) Gairo se gila kya kare
Gairo se gila kya karte ham
Apno ke sataye baithhe hai
Raaho mai tumhare mailne ki
Ab aas lagaye baithhe hai
Etbaar kiya karte the jab
Har shaam lutaye baithhe hai
Najro ne kiye kuchh vade the
Ab najar jhukaye baithhe hai
Manjil to milegi hamko bhi
Har kasam uthhaye baithhe hai.... Read More

Sad Shayari

Author  Photo Satyam Singh Rajput   (Mon 27th May 2019) Sad Shayari
#Milna tha uss se, par mil na saka
Kuch kehna tha uss se, par keh na saka
Khawabon mein toh wo meri hi thi...
Par hakikat mein uuse apna bana na saka.....
Apne dil ki baat usse keh na saka
Ek aakhri vaar milna tha usse
Par mil na saka...............mil na saka.... Read More

जख़्म

Author  Photo Shrivastva MK   (Fri 13th Oct 2017) जख़्म
आज दो-चार बूँद आंसू के मुझे भी छलका लेने दो,
रो रहा हूँ मैं,दर्द के गीत मुझे भी गुनगुना लेने दो,
अब हसीन लमहात की ख्वाईश न रही,
ये ज़ख्म जो तूने दिया मुझे ,इसे खूबसूरत दुनिया से छुपा लेने दो,

क्यों किये इतने सारे वादें जब तोड़ के जाना ही था,
देके दर्द जुदाई का मुझे,मेरा दिल दुखाना ही था,
क्यों.... Read More

यादों की गलियां

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 8th May 2016) यादों की गलियां
यादों की उन गलियों में
बेशक हम जाना भूल गए
भूले नहीं हम उन गलियों को
बस दिल लगाना भूल गए
नादान दिल की चाहत में
खुद को दीवाना भूल गए
अब तो अपनी जिंदगी में
बस मुस्कराना भूल गए
दर्दे दिल के ग़ाफ़िल होकर
मरहम लगाना भूल गए.... Read More