चुनाव और दलबदल एवम पार्टीयों में आम कार्यकर्ता की सिथति

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Sun 10th Sep 2017      Write your Article
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चुनाव और दलबदल एवं पार्टीयों में आम कार्यकर्ता की सिथति
चुनावी मौसम ज्यों ज्यों करीब आता है त्यों त्यों विभिन्न पार्टियों के नेताओं की निष्ठाएं दरकने लगती हैं ।
जो कभी एक पार्टी का झंडा उठाये बुलन्द आवाज और बुलन्द इरादों के साथ कार्यकर्ताओं को निष्ठा का पाठ पढ़ाया करते थे खुद उनकी निष्ठा डगमगाती हुई दूसरी पार्टी की पतवार अपने हाथों में थाम लेती हैं और जो कभी पानी पीकर पीकर इस पार्टी को कोसा करते थे अब उनके मुंह से इस पार्टी के लिए फूल झड़ने लगते हैं ।
क्या कारण है नेताओं की निष्ठाओं के डगमगाने का ?
चुनाव के समय ही निष्ठाएं क्यों डगमगाती हैं ?
इनका सबसे बड़ा कारण जो मैंने अब तक अपने अनुभव से जाना और महसूस किया है वो है अति महत्वकांक्षा ।
जब उक्त नेता को लगता है कि उसकी महत्वकांक्षा इस पार्टी में रहते पूरी नहीं हो पायेगी या इस पार्टी में रहते वो नेता चुनाव जीत नहीं पायेगा या इस बार पार्टी उसे व उसके रिश्तेदारों को पार्टी उम्मीदवार नहीं बना रही है अब क्योंकि ऐसे लोगों को बिना विधायक या बिना सांसद बने खाना हजम नहीं होता तो निष्ठाएं डगमगाने लगती हैं । नेताजी नये घर की तलाश में जुट जाते हैं और दूसरी पार्टियां ऐसे दलबदलू नेताओं को हाथों हाथ लेती हैं ।
नेताजी जीत कर विधायक या सांसद भी बन जाते हैं यहां जनता की बहुत बड़ी जिम्मेदारी ये बनती है कि ऐसे दलबदलू नेताओं को वो बाहर का रास्ता दिखाये पर ऐसा अमूनन होता नहीं है ।
अब इसी श्रंखला में बात कर लेते हैं विभिन्न पार्टियों में कार्यकर्ता और उनकी सिथति के बारे में--------
मेरा मानना है कि करीब करीब हर पार्टी में एक आम कार्यकर्ता की सिथति कोई बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है ।
कमोवेश हर पार्टी के अंदर एक आम कार्यकर्ता को सिर्फ और सिर्फ उपयोग की वस्तु ही समझा जाता है उनका उपयोग सिर्फ भीड़ बढ़ाने या नारे लगाने तक ही सीमित रखा जाता है ।
अब यदि कोई आम निष्ठावान कार्यकर्ता कभी चुनाव लड़ने के लिए अपनी उम्मीदवारी भी करता है तो उसके ऊपर या तो दलबदलू या पैराशूट से उतारे गये प्रत्याशी को थोप दिया जाता है कार्यकर्ता सिर्फ और सिर्फ ठगा रह जाता है ।
इसके अलावा उन कार्यकर्ताओं को कभी जो नेता निष्ठा का पाठ पढ़ाते थे खुद उनकी निष्ठाएं चुनावी मौसम में डोल जाती हैं ।
अब यहां लगभग सभी पार्टियों को और जनता को भी ये समझना होगा जो नेता अपनी स्वार्थ सिद्धि के चलते अपनी पार्टी का नहीं हुआ वो किसी भी पार्टी या जनता का क्या होगा ।
सभी पार्टियों को भी चाहिए कि जो कार्यकर्ता अपनी मेहनत अपनी निष्ठा और अपने संघर्ष से पार्टी का झंडा बुलन्द करते हैं उनको उनकी योग्यतानुसार आगे बढ़ाएं और ये भाई भतीजावाद और रिश्तेदारवाद दलबदलू जैसी बीमारी जो कि लगभग सभी पार्टियों में है उस पर लगाम लगाते हुए भारतीय राजनीति में एक आदर्श प्रस्तुत करें तभी देश और समाज का वो भला कर सकते हैं ।
पं संजय शर्मा की कलम से

KIVE SHUKAR KARA TWADA MATA RANI..

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Wed 13th Sep 2017) KIVE SHUKAR KARA TWADA MATA RANI..
Chahe din hove...

yaa raat hove...

Sirf twada hi zikar karni aa....

Twade honde hoye fikar karan di

Koi laud hi nhi aa..
.... Read More

Maa

Author  Photo Ragini   (Wed 6th May 2015) Maa
Tum door hokar bhi pass ho mere,
Sabse pyara sabse nyara ...
Jeevan ka ehsas ho mere,
Tumne har pal mujhko dulara hai .....
Mai khushnaseeb hun maa jo maine tumhe paya hai,
Aankhein band karun tu tum nazar aati ho ;
mujhe apne hone ka ehsas dilati ho,
Tumhari hun bitiya tum see hi hun,
.... Read More

यादों का कारवां

Author  Photo Sunil P Kute   (Fri 24th May 2019) यादों का कारवां
गुजर जाता है समय यादों का कारवां साथ मे लेकर,
मुश्किल हो जाता जीना बिन तेरे जब होता है
यह एहसास की कितने बदल गए हो तुम,
अजीब सी आहट आज भी सताती है
जब तुम्हारा इस तरह का देखकर बर्ताव।
क्या गुनाह था मेरा की छोड़कर मुझे अकेला ऐसा सनम तुम हो गए बेवफा।
मजबूर ना मैं था ना तुमने होने दिया ,
बा.... Read More

Maa

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Wed 18th Oct 2017) Maa
Ankhiyan vich hanju digde ne
Milan nu dil tarsan de
Aa jao maa
Rona haiga gale naal laa
Twadi hr khwaiysh poori karan nu dil chahnda
Ek waari aajaa.....maa aakhna
Tussi inni dur chale gye
Jitho kde vapis ni aaye
Hr pal twanu yaad kra
Mara te twade naal mara .... Read More

Kabhi pyar me

Author  Photo Uma   (Thu 18th May 2017) Kabhi pyar me
kabhi pyar me , ikrar me
kabhi jeet me , kabhi haar me
kabhi yaar me , parivaar me

mahsus hota hai tera aks meet
meri har aas me ehsaas me

chal diye kadam aankh mundkar
ye bhi na pucha kab chalain aur kis raah me
.... Read More

Mann ashant hai

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Mon 2nd Feb 2015) Mann ashant hai
Desh mai lahar hai
Ye kaisa kahar hai
Hamko sab khabar hai
kiski lagi najar hai
Ye apna shahar hai
Yaha faila jahar hai
Har taraf loot hai
Fir bhi dekho chhoot hai
Dekho man ashant hai
Fir bhi ham shant hai.... Read More

गर्व से कहो हमारी जाति सिर्फ भारतीय है

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 26th May 2018) गर्व से कहो हमारी जाति सिर्फ भारतीय है
भारतीय राजनीति में जिस प्रकार से जाति का तड़का लगाकर समाज को बांट कर नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते आ रहे हैं उसे देशहित में कतई उचित नहीं कहा जा सकता है ।
क्या हमें अपनी पहचान बताने के लिए जातिगत वैसाखियों की आवश्यकता है ?
क्या हमारी जाति सिर्फ और सिर्फ भारतीय नहीं होनी चाहिए ?
जातिगत आधार प.... Read More

TUJHE APNA BANAYA HAI MAINE

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 7th Oct 2017) TUJHE APNA BANAYA HAI MAINE
Tere pyaar me roya hai maine,
Teri yaadon ko sajoya hai maine,
Teri khushi ke liye maine sanam,
Teri rahon me phool bichhoya hai
maine,

Tujhe apni zindagi banaya hai maine,
Apni sanson me tujhe basaya hai maine,
Tere ishq me bechain dil ko
badi muskil se samjhaya hai maine,.... Read More

कभी हम भी उनके अज़ीज़ हुआ करते थे

Author  Photo Madhu Bhagat   (Mon 19th Sep 2016) कभी हम भी उनके अज़ीज़ हुआ करते थे
कभी हम भी उनके अज़ीज़ हुआ करते थे ,
आज उनके दीदार को तरसते है

कभी उनकी आंखों में अपने लिए मोह्हबत देखा करते थे,
आज उनमे अपने आप को अनजान देखा करते है ।
फिक्र थी उन पलो में ,कुशिया थी उनकी हमसे
उनके आज से ही नही, हम तो उनके कल से मोह्हबत किया करते है

कभी हम भी उनके अज़ीज़ हुआ करते थे ,
आज उनके.... Read More