काश! इस प्यार के दो हिस्से होते,
कुछ मेरे साथ कुछ तेरे पास होते,
तेरा हर दर्द हम बांट लेते खुशी खुशी,
यदि तेरे दिल मे भी मेरे नाम होते,
वो बेवफा तू क्या जाने कितना दर्द होता है जब कोई अपना रूठता है,
जब किसी के सपने टूटते जब कोई अपना छूटता है,
हंसी आती हमे इस झूठे प्यार भरी वादों पर,
ऐसा क्यों होता इस दुनिया मे ये दिल हमसे बार बार पूछता है,
बार बार पूछता है,
तेरी उन झूठे वादों को हमने प्यार समझ लिया,
खुशी तुमपर निछावर कर हमने गम से दोस्ती कर लिया,
आज भी ये मनीष दुआ करता है तेरे लिए,
जब भी आती तेरी याद मैंने रो-रो के सब्र कर लिया,
रो-रो के सब्र कर लिया......