नोटबन्दी काले धन के सौदागरों के लिए शाही दावत और गरीबों के लिए बन गई आफत

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Sun 10th Sep 2017      Write your Article
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नोटबन्दी काले धन के सौदागरो के लिए शाही दावत और गरीबों के लिए बन गई आफत
भाजपा सर्जीकल सर्जीकल स्ट्राइक पर सेना की बहादुरी का श्रेय ढोल बजा बजाकर खुद और आर एस एस को दे रही थी और पूरे देश में सर्जीकल स्ट्राइक का खुद श्रेय लेते हुए अपने हॉर्डिंग तक लगवा रही थी अब इस नोटबन्दी के बाद देश में मचे हाहाकार और नोटबन्दी के दौरान बैंकों की लाइन में लगकर मौत के आगोश में समाने वाले बेगुनाह लोगों का पाप भी अपने सर लेने का साहस दिखाए इसके आलावा जिस प्रकार बिना तैयारी के ये तुगलकी फरमान थोपा गया इसकी तमाम कमियां निकल कर बाहर आई जिसमे बैंकों की संलिप्तता के साथ अन्य लोग भी इसमें लिप्त पाये गए ये भी किसी से छिपा नहीं हाँ ये बात अलग है सरकार ये कहकर खुद ही अपनी पीठ ठोक ले कि जिन लोगों ने बैंकों की मदद से अपने काले धन को सफेद किया है वो पकड़े जा रहे हैं या फिर पकड़े जायेंगे क्या सरकार ये बताएगी कि क्या ये सरकार कि बहुत बड़ी चूक नहीं है फिर क्या यही तैयारी थी सरकार की जहां एक आम आदमी अपने एक एक रूपये के लिए बैंकों की लाइन में मारा मारा फिर रहा है धक्के खा रहा अपनी जान गंवा रहा है वहीं दूसरी ओर काले धन के सौदागरों से नए नोटों की लाखों करोड़ों की बरामदगी सरकार की कार्यशैली और विश्वसनीयता पर एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा देती है इन सब बातों से सिर्फ एक ही निष्कर्ष निकलता है कि सरकार की मशीनरी पर काले धन के सौदागरों का नेटवर्क भारी पड़ गया यदि आपने ठोक बजाकर नोटबन्दी का तानाबाना बुना था तो इसमें इतने छेद क्यों छोड़ दिए गए क्राइम हुआ क्राइम करने वाले लोग पकड़े गए या पकड़े जायेंगे ये कैसी तैयारी थी सरकार की काले धन के सौदागरों को काले धन को सफेद करने का क्राइम करने का मौका दे दिया और फिर यहां ये बात भी गौर करने वाली है कितना रुपया सफेद किया गया इस बात का भी कोई अंदाजा नहीं लगा सकता हाँ कितना पकड़ा गया वो दिख रहा है इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि सरकार की नाक के नीचे क्राइम हुआ क्या सरकार में इतना साहस है कि इस चूक का सेहरा भी अपने सर लेने का साहस दिखा सके ।
यहां इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि एक आम आदमी के लिए इस नोटबन्दी को देशभक्ति की परिभाषा से गड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया गया इस प्रकरण में कुछ उन लोगों की भी संलिप्तता पाई गई जो आम आदमी को नोटबन्दी प्रकरण में देशभक्ति का पाठ पढ़ा रहे थे और अपने हित साध रहे थे और सरकार सिर्फ ये कहकर हवा में तीर चला रही थी कि इस नोटबन्दी में पूरा देश साथ है जिसमे कुछ मिडिया के लोग भी सरकार के सुर में सुर मिलाकर एकतरफा रिपोर्ट दिखाकर हवा मई ही तीर चला रहे थे जबकि सच्चाई इसके विपरीत थी इसमें एक पक्ष और भी था वो गरीब किसान मजदूर और वो आम आदमी जो रोज कुआं खोदता रोज पानी पीता था उसकी पीड़ा को उन चंद मिडिया के लोगों ने दिखाना उचित नहीं समझा क्योंकि सरकार की शान में बट्टा लग जाता देश के सामने वो भयावह सच आ जाता कि इस नोटबन्दी की बदइंतजामी ने गरीब आदमी की रोजी रोटी पर भी ग्रहण लगा दिया । सरकार कह रही है कि 50 दिन में हालात ठीक हो जायेंगे ये कहकर भी सरकार लोगों को नहीं सिर्फ अपने आपको बहला रही है जबकि सरकार भी जानती है कि रायता बुरी तरह से फैला हुआ है जो कि 50 दिन में नहीं समेटा जा सकता ।
कुल मिलाकर इस नोटबन्दी प्रकरण का एक ही नतीजा निकलता है कि अपने अदूरदर्शी फैसले और बदइंतजामी ने आम आदमी को दर्द तकलीफ और मानसिक यंत्रणा के अलावा और कुछ नहीं दिया ।
हाँ सरकार में अगर हौसला है तो सर्जीकल स्ट्राइक पर सेना की बहादुरी का सेहरा खुद लेने के बाद नोटबन्दी में बदइंतजामी और बैंकों में काले धन के सौदागरों की सेंध का सेहरा भी खुद लेने का साहस दिखाए ।
पं संजय शर्मा की कलम से
नोट-उक्त ब्लॉग भारत मे नोटबन्दी के समय लिखा गया था ।

Kismat

Author  Photo Pooja   (Sun 5th May 2019) Kismat
Humne apni kyuvaish ko
apni kismat bana liya.

Toote hue har sapne ko
apni zid bana liya.

Kaante to buhut aaye Raste main
Par humne har uss kante ko
apne pairo ka malham Bana liya!!.... Read More

जख़्म

Author  Photo Shrivastva MK   (Fri 13th Oct 2017) जख़्म
आज दो-चार बूँद आंसू के मुझे भी छलका लेने दो,
रो रहा हूँ मैं,दर्द के गीत मुझे भी गुनगुना लेने दो,
अब हसीन लमहात की ख्वाईश न रही,
ये ज़ख्म जो तूने दिया मुझे ,इसे खूबसूरत दुनिया से छुपा लेने दो,

क्यों किये इतने सारे वादें जब तोड़ के जाना ही था,
देके दर्द जुदाई का मुझे,मेरा दिल दुखाना ही था,
क्यों.... Read More

बस कल की तलाश किये जा रहे थे

Author  Photo Madhu Bhagat   (Thu 29th Sep 2016) बस कल की तलाश किये जा रहे थे
वक़्त कह रहा था रुकना न कभी
गिरना भी तो टूटना न कभी
सुनते जा रहे थे अश्क मेरे
पर, गिरने को तैयार नही थे ,
चल आज सारे गीले शिकवे दूर
कर बस कल की तलाश किये जा रहे थे । .... Read More

Aajadi ka Jashan

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 1st Feb 2015) Aajadi ka Jashan
Aajadi ka jashan hai yaro
Milkar ise manaye
Yaad kare un veero ko
Fir unko sheesh navaye
Kaise kaise yatan kiye
Jab mili hame aajadi
Rakt baha un veero ka
Aisi thi vo jange aajadi
Bhool rahe us kurbani ko ham
Aapas mai lad lad ka.... Read More

प्यारे सुभाष आजा

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 26th May 2018) प्यारे सुभाष आजा
भारत में फिर से आजा
प्यारे सुभाष आजा
सोते हुए हैं फिर भी
आकर उन्हें जगा जा
बदले थे भेष तूने
कारण स्वतन्त्रता के
कहीं खान तू बना था
सूरत वो फिर दिखा जा
ये गाना औ बजाना
तेरे बिना है फीका.... Read More

MERI ZINDAGI SIRF TUMSE HAI

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 7th Oct 2017) MERI ZINDAGI SIRF TUMSE HAI
Meri muskurahat sirf tum se hai,
Meri khushi sirf tum se hai,
Kyon anjaan banke itna tadpate ho mujhe ye jaankar bhi ki,
meri zindagi sirf tum se hai,
meri zindagi sirf tum se hai...

Aankhen nam kar kahan chale gye tum
yu bnake mujhe zinda lash,
sisak-sisak ke ro rha dil ye mera
banke wo d.... Read More

झूठे रिश्ते

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 8th May 2016) झूठे रिश्ते
यहाँ झूठे हैं वो रिश्ते
जो पल भर में बदलते हैं
देखकर रुख हवाओं का
तभी वो साथ चलते हैं
बदल जाती है जब किस्मत
हाथ में हाथ देते हैं
बिगड़ जाती हैं जब राहें
मुसीबत मान लेते हैं
भरोसा नहीं कोई उनका
भरोसे को लजाते हैं.... Read More

Gumnam

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 31st Jan 2015) Gumnam
Gumnam shahar ki galiyo mai firta hu aawara ban kar,
Ji karta hai ud jau kaliyo ka bhanwra bankar,


Manjil n mili mujhko fir bhi dekho banjara bankar,
Mai bhi rahna chahta tha kisi ki aankho ka Tara bankar,


Ik din khak mai mil jaunga dekho bechara bankar, .... Read More

Maine Dard chhupana bhi sikh liya

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 26th May 2018) Maine Dard chhupana bhi sikh liya
Maine Dard chhupana bhi sikh liya,
Gum me muskurana bhi sikh liya,
Ye kuchh Zakhmo ka hi asar hai
Jo aaj,
Teri ruswai ko bhi wafa samjh liya,

Jise maine apni parchhai smjh liya,
Usne hi es nasamjh dil ko ghayal kar diya,
Kal tak jinhe dekh muskurate the hum,
Aaj usne hi mujhe bewafa bna .... Read More