नोटबन्दी का सच क्या है ?

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Sun 10th Sep 2017      Write your Article
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Friday, 16 December 2016
नोटबन्दी का सच क्या है ?
आज जिस प्रकार से नए नोटों की करेंसी बड़ी रकम में पकड़ी जा रही है एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा रही है हमारे सिस्टम और हमारे देश की सरकार पर जहां एक आम आदमी एक एक रूपये के लिए लाइन में धक्के खा रहा है वहीं दूसरी ओर करोडों की नई करेंसी की बरामदगी ये कहने के लिए काफी है कि इस समय देश में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है बहुत बड़ी जाँच का विषय है ये कि ये नई करेंसी बैंकों के आलावा भी कहीं और से इधर उधर तो नहीं हो रही ।
अब प्रश्न ये है कि इस नोटबन्दी की प्रक्रिया में सिर्फ और सिर्फ एक आम आदमी ही पिस रहा है शायद 50 दिन के बाद भी पिसना उस आम आदमी की नियति में शामिल रहेगा सरकार सिर्फ और सिर्फ मुहावरों से और जुमलों से और भाषण से जनता को बहला रही है और राष्ट्रवाद की दुहाई भी दी जा रही है जो अपनी तकलीफ बताना चाहता है उसे देशद्रोही कहा जा रहा है
आज कैश लैश की जिस प्रकार दुहाई दी जा रही है क्या सरकार को ये पता है कि देश में साक्षरता का कितना आंकड़ा है और निरक्षरता का आंकड़ा कितना है यहां भी सरकार अपनी कमियां छुपा रही है जनता की स्वतन्त्रता का भी हनन हो रहा है राष्ट्रवाद की आड़ में ये लोगों पर निर्भर होना चाहिए कि वो अपना रु कैश से खर्च करें या कार्ड से खर्च करें और फिर हमारे देश में कितना साक्षरता और कितना निरक्षरता का आंकड़ा है क्या सरकार ये भी जानती है क्या कैश लेश की वकालत करने वाली सरकार ने साइबर क्राइम को रोकने का पूरा इंतजाम कर लिया है क्या जो निरक्षर लोग है वो कैश लैश पद्धति से हैकर्स के साफ्ट टारगेट नहीं होंगे फिर वही बात यानि हर काम में अधूरी तैयारी जैसे नोटबन्दी थोपी गयी अब कैश लैश की बात कह जनता पर अपनी मनमानी थोपने का प्रयास हो रहा है ।
और शायद आगे सरकार आम आदमी के खाने पीने उठने बैठने का भी मीनू तय कर दे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए
मैं सरकार से पूछना चाहता हूँ कि क्या भूख लगने पर रोटी मांगना देशद्रोह है ? क्या दर्द होने पर दवाई मांगना देशद्रोह है ? क्या अपनी तकलीफ को बताना देशद्रोह है ?
हकीकत ये है कि सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रवाद की आड़ लेकर सरकार अपने अदूरदर्शी फैसले को सही साबित करने की जी तोड़ कोशिश में लगी है जबकि सरकार भी जानती है कि उनका ये नोटबन्दी का फार्मूला सुपर फ्लॉप साबित हुआ है क्योंकि उनके इस फार्मूले ने एक आम आदमी को दर्द तकलीफ और मानसिक यंत्रणा के आलावा कुछ नहीं दिया ।
पं संजय शर्मा की कलम से
नोटबन्दी के समय लिखा गया ब्लॉग

out @san23Sharma's Tweet: https://twitter.com/san23Sharma/status/809969959757578240?s=09

Pandit sanjay sharma at 19:56

गमे जिंदगी

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Thu 12th May 2016) गमे जिंदगी
गम की राहें हजार आने दो
जिंदगी अब यूँ ही गुजर जाने दो
बद्दुआ दिल से निकली जो
उसका भी असर हो जाने दो
रोक ली राह जो थी उल्फ़त की
उसका चेहरा नजर आ जाने दो
गमे फुर्सत में बैठे अब हम तो
गम से नजरें तो चार कर जाने दो
बहते अश्क अब इन आँखों से
मुझको पल भर जरा मुस्कराने दो.... Read More

Jindagi ka ek sach

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 31st Jan 2015) Jindagi ka ek sach
Apne liye to duniya jeeti hai

Aur Wine ke saath rum bhi peeti hai

Gareebo ke liye koi kuchh karta nahi

Desh mai aaj bhi fatehaal aur badhaal jindgi roti hai

Jinki subah nahi hoti
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इन आँखों मे तलाश सिर्फ उनका है

Author  Photo Shrivastva MK   (Sun 26th Nov 2017) इन आँखों मे तलाश सिर्फ उनका है
इन आँखों मे तलाश सिर्फ उनका है,
इस दिल मे ख्वाब सिर्फ उनका है,
चाहत उनसे रूबरू होने की ले के
एक मुलाक़ात का आस सिर्फ उनका है

इन अश्क़ों में जज़्बात सिर्फ उनका है,
इन मधुर होठों पर राग सिर्फ उनका है,
ख्वाईश है उनकी याद में गुनगुनाने की
सीने में प्यार का सौगात सिर्फ उनका है,
.... Read More

DEEWANA SA

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 4th Oct 2017) DEEWANA SA
Jab se tujhe dekha hain maine,
Teri hi khayalo me kho gya hoon,
Raton ki nind uda gai hain tere bina,
Main ab deewana sa ho gya hoon ......


Teri aankhon me ek nasha hain,
Teri har ek ada par
mera dil fida hain,
tere bina main.... Read More

शैतान बच्चा

Author  Photo Prince   (Fri 11th Mar 2016) शैतान बच्चा
साधू : बेटा आप मुझे
थोड़ा सा
पानी पिला देंगे..!!
.
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बच्चा : अगर लस्सी हो जाये
तो..!!
.
.
साधू : तब तो बहुत.... Read More

बद-से-बदतर हालात प्रिये

Author  Photo Sanjeet Kumar Pathak   (Thu 13th Nov 2014) बद-से-बदतर हालात प्रिये
अनचाहे जब मिल ही गए हैं,

कर लेते हैं कुछ बात प्रिये.

अपना हाल सुनाओ तुम,

यहाँ बद-से-बदतर हालात प्रिये.

कैसे तेरे दिन कटते हैं,
.... Read More

जरूरत

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 5th Nov 2017) जरूरत
बुढ़ापे को लाठी की जरूरत होती है
जवानी को कद- काठी की जरूरत होती है
भूखे को रोटी की जरूरत होती है
मुर्दे को कफ़न काठी की जरूरत होती है
रास्ते को मंजिल की जरूरत होती है
हंसने को महफ़िल की जरूरत होती है
चाँद को चांदनी की जरूरत होती है
सूरज को भी रोशनी की जरूरत होती है
बचपन को दुलार की जरूरत होती.... Read More

ख़ुदा ने भी मेरी क्या तक़दीर लिखी है,

Author  Photo Shrivastva MK   (Sun 1st Oct 2017) ख़ुदा ने भी मेरी क्या तक़दीर लिखी है,
ख़ुदा ने भी मेरी क्या तक़दीर लिखी है,
जिसमे मैं तो हूँ पर मेरी तस्वीर नहीं है,

जिसे अपनी तस्वीर बनाया वो आज फिर बेगाना है,
अकेले आया हूँ और शायद अकेले ही जाना है,

आज मेरी हर लब्ज़ क्यों उन्हें नापसंद है,
क्यों मुझसे खफ़ा,नजाने क्यों मुझसे रंज है,

कितनी उम्मीद नजाने कितनी ख्वाइशें है,.... Read More

यादों का कफ़न

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 13th Sep 2015) यादों का कफ़न
यादों को कफ़न में सिलवाकर
राहों से तुम्हारी चले गए
टूटे हुए दिल के टुकड़ों को
हम तो दफनाकर चले गए
हम भटक रहे इस वीराने में
तुझसे दिल था लगाया अनजाने में
इसे भूल कहूँ या तेरी खुदगर्जी
अब क्या है रब की मर्जी
तेरी खुदगर्जी में हम तो अपनी
कश्ती को डुबाके चले गए.... Read More