Saturday, 14 January 2017
मोदी जी और विवादित मुद्दे चोली दामन का साथ
मोदी जी और विवादित मुद्दे चोली दामन का साथ इसमें कोई शक नहीं गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी कई विवाद उनके साथ जुड़े जिस कारण से उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने भी उनको राजधर्म का पालन करने की सलाह दी थी । इसके बाद मुस्लिम धर्म के कार्यक्रम में मुस्लिम धर्म की पवित्र टोपी को पहनने से इंकार करने का मामला हो वगैरह वगैरह ।
अब जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं विवादित बयान या उनके लागू किये गए किसी भी फरमान पर विवाद तो पैदा होते ही रहे हैं ।
चुनावी सरगर्मियों की सुगबुगाहट में हाल के दिनों से विवाद कुछ ज्यादा ही जोर पकड़ गये ।
शुरआत हुई सैनिक से न मिलने देने पर राहुल जी की गिरफ्तारी से इस मुद्दे पर जमकर सियासत हुई मोदी जी की टी आर पी बढ़ी खूब चर्चाओं का बाजार भी गर्म रहा सर्जिकल स्ट्राइक पर मोदी सरकार सैनिकों की बहादुरी का तमगा अपने सिर माथे लगाती नजर आई और इस सर्जीकल स्ट्राइक का सेहरा मोदी जी के सिर देते हुए देश भर में अपने होर्डिंग तक लगवा डाले इन मुद्दों पर भी जमकर सियासत और बवाल हुए ।
अब मोदी जी ने हर पुराने मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए दूसरा मुद्दा यानि नोटों की सर्जिकल स्ट्राइक इस पर भी जमकर देश भर में जनता और राजनितिक दलों द्वारा बवाल हुए ये भी किसी से छिपा नहीं पर हर बार की तरह हर विवादित मुद्दे पर मोदी सरकार बस आपस में ही अपनी पीठ ठोकते नजर आये और अपने हर फरमान या कार्य को सही साबित करने का असफल प्रयास करते रहे ।
अब एक और विवादित कदम खादी उद्योग के कलेंडर से गाँधी जी के चरखा कातते चित्र को हटा अपना चित्र लगा कर मोदी जी ने नोटबन्दी के मुद्दे को ठंडा करने के लिए नए विवाद को जन्म दे दिया ।
अब बीजेपी के लोगों का ये कहना कि खादी को बढ़ावा देने के लिए मोदी जी का चित्र लगाया गया है तो मेरा कहना है कि ऐसा तो वो गाँधी जी का चित्र हटाये बिना भी कर सकते थे गाँधी जी के चित्र के साथ जहां उनका दिल करता वहां मोदी जी अपना फ़ोटो लगा लेते ।
अब क्योंकि नोटबन्दी का मुद्दा उनके गले की हड्डी बन गया था इसलिए उसे हल्का करने के लिए ये नया विवाद जानबूझकर पैदा किया गया ।
और हो सकता है आने वाले दिनोँ में नोट पर से गाँधी जी का चित्र हटाकर मोदी जी स्वयं का चित्र लगवा दें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि मोदी जी और विवादित मुद्दे चोली दामन का साथ है ।
अब बात करते हैं इन सारी बातों के भावार्थ और निष्कर्ष की क्या मोदी जी के हर कदम या फरमान पर विवाद क्यों होता है क्या मोदी जी जानबूझकर विवाद पैदा करने वाले मुद्दों को हवा देते हैं ।
अब तक के क्रियाकलापों से तो यही साबित होता है कि मोदी जी ऐसा जानबूझकर करते हैं जिससे उनकी खुद की टी आर पी तो बढ़ती ही है और उनकी चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो जाता है और इसके अलावा जो मुद्दा उनकी सरकार के गले की हड्डी बनना शुरू हो जाता है तो उस पुराने मुद्दे से ध्यान बंटाने के लिए दूसरा विवाद जान बूझकर पैदा कर दिया जाता है ।
कहावत है कि बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो हो गया बस मोदी जी यही पैटर्न अपनाये हुए हैं ।
पं संजय शर्मा की कलम से