नोटबन्दी की बरसी

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Fri 27th Oct 2017      Write your Article
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नोटबन्दी की बरसी "आम आदमी की बर्बादी का जश्न"
नोटबन्दी की बरसी "आम आदमी की बर्बादी का जश्न

8 नवम्बर तुगलकी फरमान का वो काला दिन
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उस तुगलकी फरमान ने आम आदमी को घनचक्कर बनाने के अलावा कितने लोगों को लाइन में लगकर काल के गाल में समाने को मजबूर कर दिया था ये भी किसी से छिपा नहीं है ।
अब उसी नोटबन्दी के तुगलकी फरमान की बरसी पर केंद्र सरकार के जश्न की तैयारी समझ से परे है ।
उन लोगों के लिए जिन्होंने लाइन में लगकर अपनी जानें गंवाई उन बेटियों के लिए जो शादी के पवित्र बंधन में बंधने जा रही थीं लेकिन उनके सपनों को इस तुगलकी फरमान ने एक झटके में तार तार कर दिया था ।
ये तो एक तरह से उस आम आदमी के घावों पर नमक छिड़कने की चेष्टा कर रही है केंद्र सरकार ।
क्या आम आदमी की इस बर्बादी के मंजर का जश्न मनाना चाहती है केंद्र सरकार ।
सारी दुनिया इस नोटबन्दी की हकीकत जानती है कितना काला धन पकड़ा गया जब कुछ परसेंट को छोड़कर सारा रुपया बैंकों में वापस आ गया तो फिर काला धन कहाँ गया ये भी सरकार को जश्न मनाने से पहले देश की जनता को बताना चाहिए ।
अब कितना आतंकवाद रुका कितनी नकली करेंसी पर रोक लगी इसकी हकीकत को भी देश की जनता के आगे स्वयं रख दे वैसे जनता इस नोटबन्दी की हकीकत जान चुकी है ।
नोटबन्दी की एक हकीकत ये भी थी कि जो लोग नोटबन्दी को देशभक्ति की परिभाषा से परिभाषित करने का प्रयास कर रहे थे उन लोगों के लिए नोटबन्दी एक शाही दावत बनकर आई थी ।
जो लोग नोटबन्दी के दौरान नोटों के पहरेदार बनाये गए थे उन्हीं की संलिप्तता भी काला सफेद करने में पाई गई थी । यानी बैंकों की मिलीभगत उजागर भी हुई थी ।
जबकि केंद्र सरकार ये भी जानती है कि इस नोटबन्दी ने आम आदमी को दर्द और तकलीफ के सिवाय कुछ नहीं दिया था ।
क्या केंद्र सरकार नोटबन्दी के दौरान बैंक की लाइन में लगकर गईं अनगिनत जानें वापस ला सकती है ?
क्या केंद्र सरकार उन बेटियों के वो शादी जैसे पवित्र बंधन के सपने वापस ला सकती है जो नोटबन्दी के दौरान टूटे थे ?
क्या केंद्र सरकार आम आदमी के दर्द उस तकलीफ और यंत्रणा पर मरहम लगा सकती है जो दर्द तकलीफ और यंत्रणा उस आम आदमी ने नोटबन्दी के दौरान झेली थी ?
जब ये सब केंद्र सरकार नहीं कर सकती तो केंद्र सरकार को जश्न मनाकर उस आम आदमी के जख्मों पर नमक छिड़कने का भी अधिकार नहीं है ।
केंद्र सरकार को जश्न मनाने से पहले अपने उन वादों को भी पीछे मुड़कर देख लेना चाहिए जो उन्होंने अपने चुनावी सम्बोधन में देश की जनता के समक्ष किये थे ।
अब वो चाहें विदेश से 100 दिन में काला धन वापस लाने का संकल्प हो
चाहें एक सर के बदले दस सर लाने का संकल्प हो ।
चाहें माँ गंगा को स्वच्छ करने का संकल्प हो ।
चाहें 15 लाख रु हर आदमी के बैंक खाते में पहुंचाने का संकल्प हो
आगरा में अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट देने का संकल्प हो ।
मोदी जी के संकल्पों की लिस्ट इतनी लंबी हो चुकी है कि उनको विस्तार से लिखना सम्भव नहीं है ।
जनता को उनके सारे संकल्प आज भी बखूबी याद हैं अब वो बात अलग है कि मोदी जी और उनकी सरकार अपने सारे संकल्प भूलकर

"नोटबन्दी की बरसी आम आदमी की बर्बादी का जश्न"
मनाने की तैयारी में लगी है ।

अब नोटबन्दी के दौरान आम आदमी के दर्द तकलीफ और आंसुओं को केंद्र सरकार अपनी कामयाबी मानती है तो फिर उनको ही मुबारक हो आम आदमी की बर्बादी का जश्न ।

पं संजय शर्मा की कलम से

कैसी चाहत है,

Author  Photo Madhu Bhagat   (Mon 21st Nov 2016) कैसी चाहत है,
आज ख्वाईशो से बाते करना ,
ये कैसी चाहत है,
मैं चाह रखती थी उन पलों में ,
फिर उनके आने की ,ये कैसी गुजारिश है,
हम जानते है,मेहरबान है वक़्त उन पर
फिर भी मेरी दिल में आपसे एक बार मुखातिब होने की ये कैसी आरजू हैं । .... Read More

Jindgi ik ret hai

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sun 1st Feb 2015) Jindgi ik ret hai
Jindgi ek ret hai
Jo haatho se fisal jati hai
Mere khwavo mai bhi bas
Tu hi najar aati hai
Tere aane ki mujhe
Ik aahat si najar aati hai
Jaise badal mai ik
Bijli si chamak jati hai
Door kahi koyal bhi
Kuhkuhati hai.... Read More

Tujhe naye saher ne rang diya

Author  Photo Jaya Khare   (Sun 26th Nov 2017) Tujhe naye saher ne rang diya
Tujhe naye saher ne rang diya hai apne Rang me,

Par ek baat yaad rakhna jaan se jyada chahne waala tujhe paraye saher me na milega

Tu bhul gya shayad waapas aana par itna yaad rakhna,

Zindagi bhar intezaar krne waala tujhe paraaye saher me na milega

Tu bhul chuka hai naam tak mera shayad.... Read More

गमे जिंदगी

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Thu 12th May 2016) गमे जिंदगी
गम की राहें हजार आने दो
जिंदगी अब यूँ ही गुजर जाने दो
बद्दुआ दिल से निकली जो
उसका भी असर हो जाने दो
रोक ली राह जो थी उल्फ़त की
उसका चेहरा नजर आ जाने दो
गमे फुर्सत में बैठे अब हम तो
गम से नजरें तो चार कर जाने दो
बहते अश्क अब इन आँखों से
मुझको पल भर जरा मुस्कराने दो.... Read More

Jindagi ka ek sach

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 31st Jan 2015) Jindagi ka ek sach
Apne liye to duniya jeeti hai

Aur Wine ke saath rum bhi peeti hai

Gareebo ke liye koi kuchh karta nahi

Desh mai aaj bhi fatehaal aur badhaal jindgi roti hai

Jinki subah nahi hoti
.... Read More

Aayna

Author  Photo gulshan   (Mon 30th Dec 2019) Aayna
Ruh me bas gyi tasveer tumhari
Ki har saans me tumhara ahsaas hai
Dua me hone lga hai asar ab meri
Ki har mod me ab meri tumhara hi sath hai.... Read More

Beti ki pukar

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sun 29th Oct 2017) Beti ki pukar
Raaton ko Rona
Jaroori sa hogya
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Zindagi gyi bikhar
Dil hai tuta
Saath hai chuta
Jag hai jhoota
Man hai rutha
Pukarti hu tujhe maa
Bs tu aaja na.... Read More

DEEWANA SA

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 4th Oct 2017) DEEWANA SA
Jab se tujhe dekha hain maine,
Teri hi khayalo me kho gya hoon,
Raton ki nind uda gai hain tere bina,
Main ab deewana sa ho gya hoon ......


Teri aankhon me ek nasha hain,
Teri har ek ada par
mera dil fida hain,
tere bina main.... Read More

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Author  Photo Prince   (Fri 11th Mar 2016) शैतान बच्चा
साधू : बेटा आप मुझे
थोड़ा सा
पानी पिला देंगे..!!
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बच्चा : अगर लस्सी हो जाये
तो..!!
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साधू : तब तो बहुत.... Read More