आगरा की पॉश कॉलोनियों में सड़कों पर गेट किस विभाग के आदेश पर लगे हैं ?

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Sat 26th May 2018      Write your Article
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*आगरा की पॉश कॉलोनियों में सड़कों पर गेट किस विभाग के आदेश पर लगे हैं* ?
आगरा शहर की पॉश कॉलोनियों में जिधर नजर दौड़ाओ आम आदमी के लिए आने जाने वाली सड़कों पर गेट लगे दिख जाएंगे ।
(1) अब प्रश्न यहां ये उठता है कि इन पॉश कॉलोनियों में आम आदमी के लिए आने जाने वाले आम रास्ते पर गेट कौन लगवा रहा है ?
(2) पॉश कॉलोनी की सड़कों पर गेट लगाने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है ?
(3) क्या इन सड़कों पर लगे गेट वैध हैं या अवैध हैं ?
(4) यदि सड़कों पर लगे गेट वैध हैं तो क्या इनकी परमीशन आगरा विकास प्राधिकरण या नगर निगम दे रहा है ?
(5) क्या आम आदमी के लिए आने जाने वाले मुख्य मार्गों पर गेट लगाकर मार्ग को अवरुद्ध करना आम आदमी के सड़क पर चलने के अधिकारों का हनन नहीं है ?
पॉश कॉलोनी के मार्गों पर गेट कौन लगवा रहा है-
पॉश कॉलोनी की आम सड़कों पर लगने वाले गेट उसी पॉश कॉलोनी के लोगों से आपस में आर्थिक सहयोग लेकर लगवाते हैं ।
पॉश कॉलोनी के मुख्य मार्गों पर गेट लगवाने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है-
पॉश कॉलोनी के मुख्य मार्गों पर गेट लगवाने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है क्या लोग सुरक्षा की दृष्टि से मुख्य मार्गों पर गेट लगवा रहे हैं यदि सुरक्षा की दृष्टि से लोग गेट लगवा रहे है तो क्या हमारी पुलिस सुरक्षा देने में नाकाम साबित रही है । वैसे कई अवसरों पर कई पॉश कॉलोनी में गेट लगे होने के बावजूद बड़ी वारदातें सुनने में आती रही हैं अब वो चाहें चोरी या डकैती की ही वारदातें क्यों न हो इसके अलावा प्राइवेट गेटबन्द कॉलोनी में भी वारदातें सुनने मे आती रही हैं ।
फिर सड़कों पर गेट लगाने का औचित्य मेरी समझ से परे हैं हाँ लोगों ने सुरक्षा की आड़ लेकर सड़कें कब्जाकर अपनी गाड़ियां खड़ी करने का एक सुरक्षित स्थान जरूर बना लिया है । लोगों की खड़ी हुई गाड़ियां गेटबन्द सड़कों पर आम देखी जा सकती हैं । अब क्योंकि उनके घर में फोरव्हीलर खड़ी करने की समस्या होती है इसलिए फोरव्हीलर खड़ी कर गेटबन्द सड़क को ही पार्किंग स्थल बना दिया जाता है ।
क्या पॉश कॉलोनी की सड़कों पर लगे गेट की परमीशन ली गई है या फिर ये गेट अवैध रूप से लगाये गए हैं ?
आगरा के सौंदर्यीकरण का निर्वाह और किसी निर्माण की परमीशन और नक्शे आदि देने का कार्य आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है और शहर में किसी अतिक्रमण आदि को नगर निगम द्वारा देखा जाता है ।
अब इस प्रकरण में जो नगर निगम शहर में हुए किसी भी अतिक्रमण पर बुलोडजर चलवा देता है और किसी भी अवैध निर्माण पर आगरा विकास प्राधिकरण तालाबंदी या बुलडोजर चलवा देता है अब क्या आगरा विकास प्राधिकरण और नगर निगम ये बताएंगे कि क्या उनके विभाग से सड़कों पर गेट लगाने की परमीशन ली गई है ? अगर परमीशन नहीं ली गई है तो फिर क्या उनकी नजर में ये अतिक्रमण नहीं है ?
क्या आम आदमी के लिए चलने वाली सड़क पर गेट लगाना आम आदमी के सड़क पर चलने के अधिकारों का हनन नहीं है-
आज सुरक्षा को लेकर शहर भर की पॉश कॉलोनी में सड़कों पर गेट लगे देखे जा सकते हैं लोगों का कहना है कि हमने अपनी सुरक्षा को लेकर गेट लगवाए हैं ।
अब यहां ये प्रश्न उठना लाजिमी है कि सुरक्षा का तर्क देकर सड़कों पर गेट लगाकर कहीं वो अपने ही जैसे सड़क पर चलने वाले आम आदमी से सड़क पर चलने का अधिकार तो नहीं छीन रहे ?
सुरक्षा की दुहाई देकर शहर भर की पॉश कॉलोनियों में सड़कों पर गेट लगाए जा रहे हैं अमूनन देखा जाता है वहां वो लोग अपनी गाड़ियां पार्क करके निश्चिंत होकर चैन की नींद सोते हैं अब क्योंकि गेट पर एक चौकीदार भी तैनात होता है और उस गेट पर ताला भी डाल दिया जाता है । परेशान अगर कोई होता है तो उस सड़क की ओर जाने वाला आम राहगीर होता है सड़क पर गेट बंद होने की वजह से उसे एक लंबी दूरी तय करनी होती है अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए । रही बात किसी वारदात होने की तो मैं एकबार पुनः लिखना चाहूंगा कि सड़कों पर गेट बंद होने और गेट पर चौकीदार होने के बावजूद वारदातें सुनने में आती रही हैं ।
कहावत है कि अपनी सुरक्षा अपने हाथ होती है लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि आप अपनी सुरक्षा करने के चक्कर में आम आदमी को कष्ट दें और उसके सड़क पर चलने के अधिकार से उसे वंचित कर दें । यदि आपको अपनी सुरक्षा करनी है तो आप अपने घर की दीवार ऊंची रखें बन्द गेट लगवाएं घर पर चौकीदार रखें न कि सड़क पर गेट लगवाकर उसे बन्द करें इसे कतई उचित नहीं कहा जा सकता । वैसे पुलिस प्रशासन को भी चाहिए कि सुरक्षा को लेकर भयभीत लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाये । जिससे शहर भर की पॉश कॉलोनी में सड़क पर गेट लगाने का जो ट्रेंड चल गया है उसे रोका जा सके ।
पं संजय शर्मा की कलम से

Meri kashti ko kinara n mila

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Mon 2nd Feb 2015) Meri kashti ko kinara n mila
Meri kashti ko kinara n mila
Raahe manjil ko sahara n mila
Dunda usko to vo dobara n mila
Roshan jahan mai vo najara n mila
Meri kashti ko kinara n mila
Game dil ko to thhikana n mila
Uska bhi mujhe afsana n mila
Sacche saathi ka vo jamana n mila
Mujhko uska yaha aana n mila
Jahan se bhi us.... Read More

गर्व से कहो हमारी जाति सिर्फ भारतीय है

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 26th May 2018) गर्व से कहो हमारी जाति सिर्फ भारतीय है
भारतीय राजनीति में जिस प्रकार से जाति का तड़का लगाकर समाज को बांट कर नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते आ रहे हैं उसे देशहित में कतई उचित नहीं कहा जा सकता है ।
क्या हमें अपनी पहचान बताने के लिए जातिगत वैसाखियों की आवश्यकता है ?
क्या हमारी जाति सिर्फ और सिर्फ भारतीय नहीं होनी चाहिए ?
जातिगत आधार प.... Read More

WO HUMSE KYON RUTH GAYE...

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 7th Oct 2017) WO HUMSE KYON RUTH GAYE...
Mere sapne kyon tut gaye,
Wo humse kyon ruth gaye,
Dekar shila mohabbat ka mujhe,
Wo meri hasti kyon lut gaye,

Kyon aaye wo meri zindagi me
Jab mujhe chhod ke jana hi tha,
Karke waadein pyaar ke
Jab sath nibhana hi na tha,
Do pal ki khushi unke sath,.... Read More

बेशक

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Thu 12th May 2016) बेशक
अपनी नाकाम चाहत के
गुनहगार थे हम बेशक
पर तेरी ख्वाइशों के
तलवगार भी थे हम बेशक
तेरे हसीन ख्वावों के
मददगार थे हम बेशक
पर तेरी अधूरी फरमाइशों के
कर्जदार भी थे हम बेशक
अपने उसूलों के
दमदार थे हम बेशक.... Read More

Jindgi se Mulakat

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 31st Jan 2015) Jindgi se Mulakat
Kal shaam jindgi se meri mulakat ho gai

Unke khyalo mai khoye sari raat ho gai

Sapno mai Milne ki usse fir baat ho gai

Uski jheel si aankho me sari kaynat kho gai

Aankh khuli to dekha barsat ho gai
.... Read More

कोई खुशी तो कोई गम के सहारे जीता है

Author  Photo Shrivastva MK   (Sat 26th May 2018) कोई खुशी तो कोई गम के सहारे जीता है
कोई खुशी तो कोई गम के सहारे जीते है,
कोई इन अश्क़ों को जाम की तरह पीते है,
हमें तो आदत थी मुस्कुराने की पर
कुछ लोग ज़ख्म देकर इसे भी छीन लेते है।

दिल ये मेरा अब गुमनाम सा हो गया है,
ज़ख्मो की गलियों में बेनाम सा हो गया है,
कल तक जो धड़कता था किसी के लिए
आज ख़ुद से भी अनजान सा हो गया है।
.... Read More

गुनाहों का बाजार

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Fri 6th May 2016) गुनाहों का बाजार
गुनाहों का पता पूछा
गुनाहों के बाजारों में
नहीं ऐसा मिला कोई
बता दे जो इशारों में
हकीकत छुप गई उनकी
भरे पूरे उजारों में
कि मातम छा गया अब तो
गलियों में चौबारों में
नाव घिर गई अपनी
भँवर से घिरे किनारों में.... Read More

zamane ki wafa

Author  Photo Khushnuma Khan   (Sat 10th Jan 2015) zamane ki wafa
kya khoob zamane ki wafa dekhte rahe
hum har baat me apni khata dekhte rahe
yu to zamane ne badle bahut rang
par hum to uski zafa dekhte rahe
mushkilo me thi zindagi hamari
par hum to halaato ka maza dekhte rahe
apne kehne ko to bahut mile
par hum to uska ehsaas dekhte rahe
yu to chahat.... Read More

Tujhe naye saher ne rang diya

Author  Photo Jaya Khare   (Sun 26th Nov 2017) Tujhe naye saher ne rang diya
Tujhe naye saher ne rang diya hai apne Rang me,

Par ek baat yaad rakhna jaan se jyada chahne waala tujhe paraye saher me na milega

Tu bhul gya shayad waapas aana par itna yaad rakhna,

Zindagi bhar intezaar krne waala tujhe paraaye saher me na milega

Tu bhul chuka hai naam tak mera shayad.... Read More