उ प्र चुनाव के परिणाम- मोदी मैजिक या हिन्दू बनाम मुस्लिम वोटिंग ? या कुछ और ?

Author Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh' Sun 10th Sep 2017      Write your Article
Saturday, 11 March 2017
उ प्र चुनाव के परिणाम--मोदी मैजिक या हिन्दू बनाम मुस्लिम वोटिंग ? या कुछ और ?
उ प्र के चुनाव परिणाम----
मोदी मैजिक या हिन्दू बनाम मुस्लिम वोटिंग ? या कुछ और ?
5 राज्यों के चुनाव परिणामों की बात अगर करें तो सबसे पहले बात उ प्र की करना ही लाजिमी है क्योंकि उ प्र देश का सबसे बड़ा राज्य है और प्रधानमंत्री भी इसी उ प्र के वाराणसी से सांसद भी हैं इसीलिए प्रधानमंत्री की नाक का सवाल भी उ प्र बना हुआ था।
इस उ प्र के चुनावों के परिणाम की बात करें तो यहां स्वयं मोदी जी और मोदी मैजिक की प्रतिष्ठा दाव पर लगी थी ।
1. कि क्या जातिगत आंकड़ों में उलझी उ प्र की राजनीती को मोदी मैजिक तोड़ पायेगा ?
2. क्या जाटव वोट मायावती से छिटक जायेगा ?
3. क्या उ प्र का मुस्लिम एक ही पार्टी को वोटिंग कर पायेगा ?
4. क्या कांग्रेस सपा के गठबन्धन को उ प्र स्वीकार कर पायेगा ?
5. क्या उ प्र के चुनाव में कानून व्यवस्था भी एक मुद्दा थी ?

6. क्या कांग्रेस सपा गठबन्धन को दोनों दलों के कार्यकर्ता स्वीकार कर पाएंगे ?

7. मायावती के आरोप अनुसार ई वी एम में गड़बड़ी की गई । क्या उ प्र में मोदी मैजिक ई वी एम की गड़बड़ी से सम्भव हुआ ?

अब बात की शुरुआत हम मोदी मैजिक से ही करते हैं अब क्योंकि 5 राज्यों के जो परिणाम आये हैं उनमें सिर्फ उ प्र और उत्तराखंड के परिणाम बीजेपी के पक्ष में गये हैं ।
अब यदि मोदी मैजिक था तो फिर वो मैजिक पंजाब गोवा और मणिपुर में क्यों नहीं चला बीजेपी को ये नहीं भूलना चाहिए ये राज्य भी भारत में ही हैं और मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री ।
इस लिए हम फिर लौट कर उ प्र पर ही आते हैं और बीजेपी की सफलता का विश्लेषण करते हैं जिसे मोदी जी की सुनामी और मोदी मैजिक कहा जा रहा है ।
1. नोटबन्दी बीजेपी का एक प्री प्लान गेम था जो कि उ प्र के रण को फतह करने के लिए और विरोधियों की तैयारी को बाधित करने के लिए खेला गया एक दाव था ।
उस दाव का ही परिणाम था हर पार्टी नोटबन्दी के खेल में उलझ कर रह गई और बीजेपी अपनी चुनावी तैयारी को जमीन पर उतारने भी लग गई बीजेपी ने नोटबन्दी कर विरोधी पार्टीयों को इसके चक्रव्यूह में उलझा कर रख दिया विरोधी पार्टियों की चुनावी तैयारी धरी की धरी रह गईं विरोधी पार्टियां अपने प्रत्याशियों तक का चयन आखिरी समय में कर पाएं ।
दूसरी बात इस नोटबन्दी की ये रही कि इसे देशभक्ति की परिभाषा से परिभाषित कर इसको जबर्दस्त तरीक़े से प्रचारित कराया गया । इस प्रचार से नोटबन्दी रूपी देशभक्ति का असर खासतौर से युवा वर्ग और पहली बार मतदान करने वाले वर्ग पर जबरदस्त तरीके से पड़ा । उस युवा वर्ग (मुस्लिम युवा को छोड़कर, हर समाज के युवा वर्ग) अब वो युवा वर्ग और पहली बार मतदान करने वाले युवा वर्ग के लिए मोदी एक आइकन बन गए उस युवा वर्ग की नजर में मोदी सबसे बड़े देशभक्त और मोदी जी का विरोध करने वाले देशद्रोही और इस उ प्र के चुनाव परिणामों में बीजेपी के पक्ष में पहली बार वोटिंग करने वाले युवा वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता ।
उ प्र के चुनाव परिणामों में सपा शासन की बदतर कानून व्यवस्था ने भी अपनी भूमिका निभाई है ।
उ प्र के चुनाव के परिणाम ने साबित कर दिया कि उ प्र का मुस्लिम मतदाता कई जगह बंट गया ।
बीजेपी की इस सफलता में जाटव वोट और खास तौर से युवा जाटव वोट मायावती से छिटक कर बीजेपी की ओर चला गया मायावती की वोट रूपी इमारत ढह गई ।
अब बात कर लेते हैं अंतिम समय में परवान चढ़ी कांग्रेस और सपा की दोस्ती की----
इस दोस्ती की बात करने से पहले हमें थोड़ा पूर्व में जाना होगा जब कांग्रेस ने बड़े ही जोर शोर से 27 साल यू पी बेहाल का नारा लगाते हुए जबर्दस्त तरीके से अभियान चलाया था और वो उस अभियान से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जबरदस्त ऊर्जा का भी संचार हुआ था और खासतौर से उ प्र की कानून व्यवस्था को लेकर सपा को घेरा था ।
नोटबन्दी के बाद अखिलेश यादव अपने परिवार की अंतर्कलह और सपा में विरासत की वर्चस्व की जंग से जूझ रहे थे उनकी भी चुनावी तैयारी बाधित ही होती रहीं और सपा में वर्चस्व की जंग को जीतने के बाद उ प्र की जनता में इस वर्चस्व की जंग का मैसेज शायद अच्छा नहीं गया क्योंकि अखिलेश यादव ने अपने पिता को जबरदस्ती हटाकर सपा अध्यक्ष का ताज पहना था ।
अंतिम समय में कांग्रेस और सपा की दोस्ती ने कांग्रेस के उन निष्ठावान कार्यकर्ताओं के उस सपने को एक ही झटके में तोड़ डाला जिसके तहत हर कार्यकर्ता 403 विधानसभा में अपनी तैयारी कर रहे थे और सपा सरकार से सड़कों पर मोर्चा ले रहे थे । इस गठबन्धन का नतीजा ये रहा कि दल तो मिले लेकिन दिल कार्यकर्ताओं के आखिर तक नहीं मिल पाए

27 साल यू पी बेहाल करते करते कांग्रेस और सपा यू पी को ये साथ पसन्द है का नारा लगाने लगे और शायद इसीलिए जनता को ये साथ भी पसन्द नहीं आया और परिणाम सबके सामने है ।
पं संजय शर्मा की कलम से

MERA WAZOOD NAHI HAI TERE BINA...

Author  Photo Shrivastva MK   (Sun 1st Oct 2017) MERA WAZOOD NAHI HAI TERE BINA...
मेरा वज़ूद नहीं है तेरे बिना,
जब मंज़िल मेरी तुम हो
तो तुम्हे छोड़ मै जाऊ कहाँ,
बड़ी हसरत थी तुम्हे दिल में बसाने की,
पर इस टूटे दिल में चाँद जैसी परी को छुपाऊ कहाँ


Mera wazood nahi hai tere bina,
Jab manzil meri tum ho
To tumhe chhod mai jau kahan,.... Read More

Bikhar Jaoge tut kar

Author  Photo Kuldeep Kumar   (Mon 26th Oct 2015) Bikhar Jaoge tut kar
usne kaha tha mat karo mujse pyaar itna jyada,
tut kar bikhar jaoge motiyo ki tarh,
chahoge mujhe bhulana par,
meri yaado ko bhula na paoge,
milenge tumko lakho chahne wale,
par tum chah kar bhi kisi se dil nhi laga paoge............
#BY...kuldeep....parihar...... Read More

Manzil

Author  Photo Areeba   (Tue 14th Jan 2020) Manzil
Manzil milegi, bhatak
Kar hi sahi
Gumarah to wo hain,
Jo gar se nikale hi
nahin..... Read More

मैं उतना आपको याद आऊंगा

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 1st Nov 2017) मैं उतना आपको याद आऊंगा
मैं इस कदर आप मे खो जाऊंगा,
आप जितना भूलना चाहोगे,
मैं उतना आपको याद आऊंगा,
चाहे कितना भी दर्द क्यों न हो
आप साथ हो तो हर दर्द से गुजर जाऊंगा,
माना मुश्किले बहुत है इस राह में,
आप हो तो हर मुश्किल से लड़ जाऊंगा,
आप जितना भूलना चहोगो,
मैं उतना ही याद आऊंगा......
.... Read More

कोरा कागज़ रूठ गया हैं |

Author  Photo Madhu Bhagat   (Sat 30th Sep 2017)  कोरा कागज़ रूठ गया हैं |
न जाने क्यों आज कोरा कागज़ रूठ गया हैं,
अलमारी के नीचे दब वो छुप कर बैठ गया है,
जिसके आने की कोई गुंजाईश ही नही,
फिर क्यों हर पल उसी का इंतज़ार बन गया है?


रहा न अब कोई चुपके से बातों को बताने वाला,
हर मुश्किल को इस कोरे कागज़ पर सुलझाने वाला,
अब तो काफी वक़्त बीत गया है,
फिर भी जाने क.... Read More

कलंकित रिश्ते

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Wed 26th Aug 2015) कलंकित  रिश्ते
रिश्ते कलंकित हो रहे हैँ
हम जाने कहाँ सो रहे हैँ
दुबिधा में बीत रहे ये पल
जाने अब क्या होगा कल
मर्यादाएं पीछे छूट गई कब
रिश्तों की डोरी टूट गई कब
कहाँ सपनोँ में खो रहे हैँ
हम जाने कहाँ सो रहे हैँ
टूटा जो विश्वास किसी का
नहीं यहाँ पर कोई किसी का.... Read More

Mera Chand

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Thu 11th Jul 2019) Mera Chand
Har koi chahta hai us aasmaan ke chand ko,

Ehsaason se mehsoos karu mai roz apne chand ko.



Poori kudrat samet ke jaise koi meri jholi mein daal gaya,

Wo mile mujhe, mera khuda mujhe mil gaya.
.... Read More

Tere bagair jine lage hum

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 25th Oct 2017) Tere bagair jine lage hum
Tere bagair jine lage hum,
Ro ro ke aansuo ko pine lage hum,
ishq me tute es tarah,
ki kahi ke na rahe hum,
tere bagair jine lage hum,
tere bagair jine lage hum.....


dil me ek tamanna lekar,
tuti hui khawabo ke saath,.... Read More

लगी आग दिल मे

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Tue 5th Sep 2017) लगी आग दिल मे
लगी आग दिल मे
न इसको बुझाना
कि जाम आखिरी है
किसी ने न जाना
था मुश्किल बहुत
अपने दिल को समझाना
कि शाम आखिरी है
किसी ने न जाना
लगा तीर दिल पे
न चूका निशाना.... Read More