गुस्से में बोला हुआ शब्द एक ज़ख्म बन जाता है। जो दिखता नहीं है लेकिन दर्द बहूत देता है।

Author Photo Rahul Patel Mon 27th Sep 2021      Write your Story
काफी समय पहले की बात है, एक गाँव में एक रवि नाम का लड़का रहता था| वह बहुत ही गुस्से वाला था, छोटी-छोटी बात पर वह अपना आपा खो देता था और लोगों को भला-बुरा कह देता | रवि की इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पापा ने उसे कीलों से भरा हुआ एक बैग दिया और कहा कि , ” अब जब भी तुम्हे गुस्सा आये तो तुम इस थैले में से एक कील निकालना और दिवार में ठोक देना |
पहले दिन रवि को चालीस बार गुस्सा आया और इतनी ही कीलें दिवार में ठोंक दी| पर धीरे-धीरे कीलों की संख्या कम होने लगी, उसे लगने लगा की कीलें ठोंकने में इतनी मेहनत लगती है इससे अच्छा है कि अपने गुस्से पर काबू किया जाए और अगले कुछ हफ्तों में रवि ने अपने गुस्से पर बहुत हद्द तक काबू कर लिया था | और फिर एक दिन ऐसा आया कि रवि ने पूरे दिन में एक बार भी गुस्सा नहीं किया |
जब उसने अपने पापा को ये बात बताई तो उन्होंने ने फिर उसे एक काम दे दिया, उन्होंने उससे कहा कि ,” अब हर उस दिन जब तुम एक बार भी गुस्सा ना करो इस दिवार से एक कील निकाल देना |”
रवि ने ऐसा ही किया, और फिर वो दिन भी आ गया जब रवि ने दिवार में लगी आखिरी कील को भी निकाल दिया, और अपने पापा को ख़ुशी से ये बात बतायी|
तब पापा ने उसका हाथ पकड़कर उस दिवार के पास ले गए, और बोले, ” रवि तुमने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन क्या तुम दिवार में हुए छेदों को देख पा रहे हो | अब वो दिवार कभी भी वैसा नहीं बन सकता जैसा वो पहले था | जब तुम गुस्से में कुछ कहते हो तो वो शब्द भी इसी तरह सामने वाले व्यक्ति पर गहरे घाव छोड़ जाते हैं |”
इसलिए अगली बार अपना आपा खोने से पहले सोचना कि क्या आप भी किसी को दर्द देना चाहते हैं |

siyahi ke ashq

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Sun 28th Jul 2019) siyahi ke ashq
Dharti par sir duniya jhukati,
Aasmaan mein dua Qubool ho jati.

Kudrat ka kaisa hai karishma,
Bheegi aankho se muskurane ka alag hi hai mja.

Haste haste palkein bheeg jaana bhi alag hai kahani,
Baat keh ke tou koi bhi samajh leta dil ki zubani.

Khamoshiya koi samjhne wala ho,.... Read More

अनजान राहों में कहीं छूट से गये है

Author  Photo Shrivastva MK   (Sun 26th Nov 2017) अनजान राहों में कहीं छूट से गये है
मेरे सपने टूट से गये हैं,
मेरे अपने रूठ से गये हैं,
हमसफ़र बन साथ निभाने वाले
अनजान राहों में कहीं छूट से गये है,

इन आँखों का चैन अब लूट से गये है,
ये पल, ये मौसम मुझसे रूठ से गये है,
बनकर हिम्मत इस दिल का वो
अनजान राहों में कहीं छूट से गये है...✍
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HUME YU NA TADPAYA KARO...

Author  Photo Shrivastva MK   (Mon 2nd Oct 2017) HUME YU NA TADPAYA KARO...
Pyar kiya to nibhaya karo,
Deke dard judai ka na mujhe yu tadpaya karo,
Na lo meri mohabbat ka imtehaan,
Kya kami rah gai meri mohabbat me ye to btaya karo,

Sath na dena ho yadi to sapne na dikhaya karo,
Jana ho dur hi agar to kisi ke zindagi me na yu aaya karo,
Kar ke wada sath nibhane ka,.... Read More

असर

Author  Photo Madhu Bhagat   (Mon 12th Sep 2016) असर
असर है ज़िन्दगी पर तेरा,
आज तू खा कुछ मेरा ।

मेरी ज़िन्दगी है एक कयामत,
यु वक्त ने की है शरारत ,
सजी सम्भली ना की ऐसी नज़ाकत ,
खुशिया नही तो गमो का क्यों है डेरा।

आज फिर कहती हूँ.........
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Jindagi ka ek sach

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Sat 31st Jan 2015) Jindagi ka ek sach
Apne liye to duniya jeeti hai

Aur Wine ke saath rum bhi peeti hai

Gareebo ke liye koi kuchh karta nahi

Desh mai aaj bhi fatehaal aur badhaal jindgi roti hai

Jinki subah nahi hoti
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jind meri

Author  Photo SONIA PARUTHI   (Thu 11th Jul 2019) jind meri
Kudrat ne vi taar ohna naal jode ne,

Ohna di muskaan tou savere hunde.

Saddi jindadi da sab tou sohna farishta haiga,

Tuhade baajo ek pal vi jee nahi lagda.

Saddi aadat bn gye ho tussi,
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मैं उतना आपको याद आऊंगा

Author  Photo Shrivastva MK   (Wed 1st Nov 2017) मैं उतना आपको याद आऊंगा
मैं इस कदर आप मे खो जाऊंगा,
आप जितना भूलना चाहोगे,
मैं उतना आपको याद आऊंगा,
चाहे कितना भी दर्द क्यों न हो
आप साथ हो तो हर दर्द से गुजर जाऊंगा,
माना मुश्किले बहुत है इस राह में,
आप हो तो हर मुश्किल से लड़ जाऊंगा,
आप जितना भूलना चहोगो,
मैं उतना ही याद आऊंगा......
.... Read More

चला जाऊंगा एक दिन मैं इस दुनिया से...

Author  Photo Shrivastva MK   (Sun 1st Oct 2017) चला जाऊंगा एक दिन मैं इस दुनिया से...
चला जाऊंगा एक दिन मैं इस दुनिया से
तुम्हे अकेला छोड़कर,

फिर ना मेरी याद आएगी तुझे
ना मैं आऊंगा वापस लौटकर,

पता है मुझे उस दिन ये पल थोड़ा उदास रहेंगे
मेरी कसम तुझे, ना याद करना मुझे रो- रो कर,

चंद शब्द कई बार रिस्ते बना देते है.... Read More

बेनाम

Author  Photo Pandit Sanjay Sharma 'aakrosh'   (Fri 6th May 2016) बेनाम
ये कैसी विषम परिस्थितियों का मैं
गुलाम बनकर रह गया
कुछ काम करना चाहा था
बस आम बनकर रह गया
भरोसा किया अपनी किस्मत पर
नाकाम बनकर रह गया
नाम करना चाहा था
पर कमबख्त बदनाम बनकर रह गया
नाकामी का चर्चा अब तो
खुलेआम बनकर रह गया.... Read More